इंटरनेशनल लेवल एथलीट समेत 7 महिला खिलाड़ियों ने तमिलनाडु के कोच पी नागराजन पर यौन शोषण (Sexual Harassment) का आरोप लगाया है. सभी शिकायतकर्ताओं ने 59 साल के नागराजन के अंडर जूनियर्स के रूप में ट्रेनिंग ली थी. खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि इस तरह का शोषण एक बार नहीं, बल्कि कई सालों से होता आ रहा है.
बता दें कि करीब दो महीने पहले ही कोच पी नागराजन पर 19 साल की राष्ट्रीय महिला रनर ने यौन योषण का आरोप लगाया था.
एक कोच के रूप में, नागराजन करीब तीन दशक से कई राष्ट्रीय पदक विजेताओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. फिलहाल शिकायत करने वाली एथलीट में कुछ अब रिटायर हो चुकी हैं.
पहली शिकायत के कुछ घंटे बाद, 28 मई को नागराजन ने कथित तौर पर नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, नागराजन को गिरफ्तार कर लिया था और IPC और POCSO अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
पुलिस उपायुक्त एस महेश्वरन ने द इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि करते हुए कहा, "हमें नागराजन के खिलाफ इसी तरह की सात और शिकायतें मिली हैं." उन्होंने कहा कि कथित घटनाओं में से एक घटना 2005 में हुई थी. अधिकारी ने कहा कि एथलीट की गवाही के बाद अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है.
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष विंग की डीसीपी, एच जयलक्ष्मी ने कहा, "हर शिकायत आरोपी की हिंसक प्रकृति का खुलासा कर रही हैं." पुलिस ने नागराजन के खिलाफ गुंडा एक्ट भी लगाया है.
2013 से 2020 तक ट्रैनिंग के दौरान यौन शोषण
कोच नागराजन के खिलाफ पहला आरोप राजनीतिक विश्लेषक और खेल कमेंटेटर टीएन रघु ने ट्विटर पर लगाया था, जिसमें उन्होंने 26 मई को कथित पीड़ितों की गवाही की बात कही थी और पोस्ट में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को टैग किया था.
महेश्वरन ने कहा कि उन्होंने ट्वीट के आधार पर जांच के बाद 19 साल की एथलीट की पहचान की. कोच के खिलाफ पहली शिकायत कराने वाली 19 साल की महिला एथलीट के बारे में महेश्वरन बताता हैं कि पीड़िता ने कहा था कि 2013 से 2020 तक नागराजन ने ट्रेनिंग के दौरान उनका यौन शोषण किया था.
कोच की गिरफ्तारी के समय शिकायत के बारे में बताते हुए पुलिस ने अपने बयान में कहा था,
"शिकायतकर्ता अन्य लड़कियों के साथ 2013 से नागराजन के तहत प्रशिक्षण ले रही थी. कई मौकों पर, दिन के प्रशिक्षण के बाद वो बाकी लड़कियों को छुट्टी दे देता था. उसे एक छोटे से कमरे में फुसलाता था, और फिजियोथेरेपी के बहाने उसे गलत तरीके से छूता था. विरोध के बावजूद, उसने कहा कि वह उसे एथलेटिक्स में सफल होने में तभी मदद करेगा जब वह सहयोग करे. ऐसा ही दूसरी लड़कियों के साथ भी हुआ है.”
जान से मारने की धमकी का आरोप
बयान के मुताबिक, कोच ने एथलीट को यह भी कहा था कि वह ट्रेनिंग को रोक देगा और उसका करियर खत्म हो जाएगा. और यह भी सुनिश्चित करेगा कि अगर उसने विरोध किया तो उसे प्रतियोगिताओं में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही एथलीट ने ये बी आरोप लगाया है कि कोच ने चेतावनी दी थी कि वह उसे और उसके परिवार को मार डालेगा.
बयान में कहा गया है, "वह जिस मानसिक तनाव से गुजर रही थी, उसके कारण उसने किसी से भी यौन उत्पीड़न का जिक्र नहीं किया," जिसके बाद एथलीट दूसरे कोच के अंडर ट्रेनिंग के लिए चली गई.
पुलिस द्वारा जांच अधिकारी के मोबाइल नंबर और ईमेल पते को सार्वजनिक करने के बाद दूसरी शिकायतकर्ता भी सामने आई हैं.
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