23 नवंबर 2018, भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में ही थी. टी-20 सीरीज के पहले मैच में हार के बाद दूसरे मुकाबले के लिए दोनों टीमें मेलबर्न के मैदान में उतरी थीं. उसी मेलबर्न के मैदान में जहां शुक्रवार को भारत ने तीसरा वनडे मैच जीतकर वनडे सीरीज पर भी कब्जा किया. थोड़ी देर के लिए वापस चलते हैं 23 नवंबर पर. दूसरे टी-20 मैच में कंगारुओं की हालत पतली थी. 19 ओवर में 7 विकेट पर सिर्फ 132 रन स्कोरबोर्ड पर थे. मैच पर भारत की पकड़ मजबूत थी लेकिन बारिश ने बाधा डालकर कंगारुओं को बचा लिया.
वो मैच अगर बगैर नतीजे के ना खत्म हुआ होता तो टी-20 सीरीज भी भारत के कब्जे में होती. ऐसा इसलिए क्योंकि तीसरा टी-20 भारत ने ही जीता था. खैर, रात गई बात गई!
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के दबदबे की बात करते हैं. आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में पहला पायदान, वनडे और टी-20 रैंकिंग में नंबर दो की कुर्सी. ये कहने की जरूरत नहीं है कि भारत अब लंबे समय तक विश्व क्रिकेट पर राज करने की स्थिति में है. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा. शुक्रवार को भारत ने वनडे सीरीज के आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट के बड़े अंतर से हराया. इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज के बाद वनडे सीरीज पर भी कब्जा किया. ये पहला मौका है जब भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में उसी के घर में हराया. साथ ही द्विपक्षीय वनडे सीरीज में भी पहली बार सीरीज जीती.
पूरी सीरीज में कहीं टक्कर में नहीं थे कंगारु
वनडे सीरीज का तीसरा मैच फाइनल सरीखा था. जो टीम तीसरा मैच जीतती सीरीज पर उसी का कब्जा होना था. भारतीय टीम ने इस मैच के लिए प्लेइंग-11 में एक साथ तीन बदलाव किए थे. जो इस बात को दर्शा रहा था कि पिछले दो मैचों की प्लेइंग-11 को लेकर विराट पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं.
मैच शुरू हुआ एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी की. ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की पतली हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो पूरे पचास ओवर बल्लेबाजी तक नहीं कर पाए. भारतीय गेंदबाजों ने पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को 48.4 ओवर में 230 रनों पर ही समेट दिया. यजुवेंद्र चहल सीरीज में पहला मैच खेल रहे थे. उन्होंने शानदार 6 विकेट झटके. 231 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरूआत भी अच्छी नहीं रही. रोहित शर्मा सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हो गए. बावजूद इसके शिखर और विराट के बीच 40 रनों की और फिर विराट और धोनी के बीच पचास रनों से ज्यादा की साझेदारी ने भारतीय बल्लेबाजी को पटरी से उतरने नहीं दिया.
विराट कोहली के आउट होने के बाद धोनी ने अपनी अगुवाई में केदार जाधव के साथ मिलकर आसानी से टीम को 231 रनों के लक्ष्य तक पहुंचा कर इतिहास रच दिया. इससे पहले टेस्ट सीरीज में भी मौसम की वजह से कंगारुओं को थोड़ा फायदा हुआ वरना सीरीज का स्कोर 2-1 की बजाए 3-1 होता.
टीम इंडिया के लिए इस जीत के मायने क्या हैं?
वनडे सीरीज में मिली जीत का असर आने वाले विश्व कप के लिहाज से भी सकारात्मक है. इंग्लैंड में होने वाले 2019 विश्व कप में कुछ हफ्ते ही बचे हैं. इससे पहले अगर टीम इंडिया एक ऐसी टीम को उसके घर में हरा रही है जिसने एक दशक से ज्यादा समय तक विश्व क्रिकेट पर राज किया है तो ये कहने की जरूरत नहीं कि इससे खिलाड़ियों का मनोबल सातवें आसमान पर होगा.
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