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ये टीम इंडिया है! किसी एक खिलाड़ी के भरोसे नहीं चलती

सिर्फ कोहली, धोनी और अश्विन के भरोसे नहीं है ये टीम इंडिया

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खेल हो या जंग का मैदान. सिर्फ एक हीरो या शूरवीर की बदौलत जीत हासिल नहीं की जा सकती. हर एक खिलाड़ी और हर एक सैनिक को अपना पूरा जोर लगाना होता है, तभी जाकर सफलता कदम चूमती है. क्रिकेट जो कि एक टीम गेम है, उसमें वही टीम ज्यादा समय तक सफल रही जिसके हर एक खिलाड़ी ने अपना जौहर दिखाया. जिस टीम में एक या दो स्टार रहे वे टीमें कुछ हिस्सों में ही अच्छा कर पाईं. क्रिकेट जगत पर लंबे समय तक दबदबा उन्हीं टीम का रहा जिनका हर एक खिलाड़ी मैच विनर था.

चाहे 70, 80 के दशक में अपराजित रही खतरनाक वेस्टइंडीज की टीम हो या 1999 से 2007 तक दुनिया पर राज करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम. इन टीमों ने इतनी सफलता इसलिए हासिल की क्योंकि टीम में 11 के 11 खिलाड़ी मैच विनर थे. ये महान टीमें कभी भी इक्का दुक्का खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर नहीं रहीं .और अब इस दशक की सबसे महान टीम बनने का माद्दा रखने वाली टीम इंडिया भी इसी लाइन पर दौड़ रही हैं.

टीम इंडिया के XI स्टार्स

माना कि टीम इंडिया में भी एक से बड़े एक सितारे हैं लेकिन ऐसा नहीं कि वो बड़े सितारे ही हमेशा टीम इंडिया की नैया को पार लगाते हैं. इस टीम इंडिया का हरएक युवा और अनुभवी खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी को समझता है और वक्त आने पर जानदार प्रदर्शन करता है.

इंग्लैंड के खिलाफ पुणे और कटक वनडे इसके सबसे ताजा उदाहरण हैं. पुणे में सिर्फ 63 के स्कोर पर 4 विकेट खोकर टीम इंडिया हार के दहलीज पर थी तो विराट कोहली और केदार जाधव ने जिम्मेदारी संभाली और जीत दिलाई तो वहीं कटक में जब कोहली समते टॉप ऑर्डर फ्लॉप हुआ तो युवराज सिंह और एम एस धोनी टीम की नैया के खिवैया बने. गेंदबाजों ने भी दोनों मैचों में अलग अलग वक्त पर उम्दा प्रदर्शन किया.

तो टीम इंडिया की हालिया सफलता का राज यही है कि ये टीम किसी एक खिलाड़ी के पीछे नहीं चल रही . उदाहरण के तौर पर सभी फॉर्मेट में पिछले 20 मैचों को देखते हैं...

वनडे क्रिकेट


वनडे में भारत ने जो पिछले 20 मैच जीते हैं उनमें मैन ऑफ द मैच जीतने वाले 16 अलग अलग खिलाड़ी थे.यानि भारत की पिछली20 सफलताओं में 80 % बार एक अलग खिलाड़ी ने मैच जिताऊ परफॉर्मेंस दी. सबसे हैरान करने वाली बात ये कि पिछले एक साल से वनडे में अपने बल्ले से तहलका मचाने वाले कोहली इस लिस्ट में सिर्फ 2 बार शिरकत कर पाते हैं.

टेस्ट क्रिकेट


लगातार 5 सीरीज जीत चुकी कोहली की सेना अगस्त,2015 के बाद से एक भी मैच नहीं हारी है. टीम इंडिया के विजय रथ को रोकने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैेंड जैसी टीमों ने भी खूब जोर लगाया लेकिन टीम इंडिया के धुरंधर हर किसी पर भारी पड़े, और क्रिकेट के इस सबसे मुश्किल फॉर्मेट में भी हर बार कोई एक ही खिलाड़ी जीत का सूत्रधार नहीं रहा. पिछली 20 टेस्ट जीत में भारत के 12 अलग-अलग मैन ऑफ द मैच रहे यानि 60 % बार एक अलग खिलाड़ी ने मैच जिताया. इस लिस्ट में सबसे ज्यादा बार आर अश्विन और रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी है.

टी20 क्रिकेट


ये फॉर्मेट वैसे तो टीम गेम है लेकिन यहां एक खिलाड़ी भी बाजी पलट सकता है. क्योंकि ये फॉर्मेट बहुत छोटा और तेज है इसलिए यहां जरूर आपको एक ही खिलाड़ी के कई बार मैन ऑफ द मैच बनने के ज्यादा चांस दिखाई पड़ेंगे. क्रिकेट के इस सबसे फास्ट एंड फ्यूरियस फॉर्मेट में मैदान पर जिस टीम का एक भी खिलाड़ी जबरदस्त प्रदर्शन कर गया उसकी जीत की संभावनाएं ज्यादा होती हैं. टीम इंडिया की ओर से खासकर विराट कोहली तो पिछले 2 साल में इस फॉर्मेट के बादशाह बन बैठे हैं हांलाकि पिछली 20 जीत में 8 अलग- अलग भारतीय खिलाड़ियों को मैन ऑफ द मैच मिला. 20 में से सिर्फ 1 जीत में किसी और टीम का खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच बना.

तमाम आंकड़े बताते हैं कि ये टीम इंडिया किसी एक खिलाड़ी पर ही निर्भर नहीं हैं. इस टीम में हरएक खिलाड़ी अपने आप में मैच विनर है. विरोधी टीम के लिए जरूरी है कि वो भी इस बात को जल्द ही समझ लें क्योंकि अक्सर वो अपनी रणनीति कोहली, धोनी और अश्विन के इर्द गिर्द बनाते हैं लेकिन मात उन्हें जाधव, युवराज, पांड्या और बुमराह दे जाते हैं.

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