टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics) में भारतीय पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल (Bhavina Patel) ने सिल्वर मेडल जीत लिया है. पटेल फाइनल में चीन की झोउ यिंग से हार गईं. भाविना ने 28 अगस्त को रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में दुनिया की नंबर-3 मियाओ को 3-2 से हराने के लिए जोरदार वापसी की और गोल्ड मेडल के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की थी.
भाविना का सेमीफइनल जीतना भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी के लिए एक सनसनीखेज वापसी थी क्योंकि उन्होंने प्रारंभिक दौर में न केवल झोउ से हारने के बाद नॉकआउट चरण में जगह बनाई, बल्कि फाइनल में पहुंचने के लिए रियो 2016 के स्वर्ण पदक विजेता सर्बिया के बोरिसलावा पेरिक रैंकोविक और रजत पदक विजेता मियाओ सहित तीन मजबूत विरोधियों को हराया.
भाविना ने सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही देश के लिए पदक सुनिश्चित कर लिया था और वो टेबल टेनिस पैरालंपिक में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला पैरा एथलीट बन गई थीं.
भारत ने अबतक पैरालंपिक में तीन स्पोटर्स में 12 पदक जीते हैं जिनमें एथलेटिक्स (तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य), पावरलिफ्टिंग (एक कांस्य) और तैराकी (एक स्वर्ण) शामिल हैं. भाविना ने 2017 में बीजिंग में हुए अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ एशियाई पैरा TT चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था.
कड़ी मेहनत से कुछ असंभव नहीं: पटेल
फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने वाली पैरा एथलीट भाविना पटेल का कहना है कि कड़ी मेहनत करने से कुछ भी असंभव नहीं है. भाविना ने 28 अगस्त को सेमीफाइनल में चीन की झांग मियाओ को हराने के बाद कहा, "मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अगर आप इसे अपना सर्वश्रेष्ठ शॉट देते हैं तो कुछ भी असंभव नहीं है और आज मैंने इसे किया."
"यह पहली बार है कि किसी भारतीय खिलाड़ी ने एक चीनी प्रतिद्वंद्वी को हराया है. यह मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. हर कोई मुझसे कहता था कि एक चीनी खिलाड़ी को हराना असंभव है. लेकिन आज मैंने साबित कर दिया है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. अगर आप इसे करना चाहते हैं तो सब कुछ संभव है."भाविना पटेल
गुजरात के अहमदाबाद में ईएसआईसी के लिए कार्यरत सरकारी कर्मचारी भाविना पैरालंपिक खेलों के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं.
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