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ऋषभ पंत को पहले टेस्ट में मौका देना विराट कोहली की नादानी होगी

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के प्लेइंग 11 में ऋषभ पंत को शामिल किया गया तो ये 2 बातें साफ हो जाएंगी... 

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नादानी ने अलावा आप इसे पसंद-नापसंद भी कह सकते हैं. लेकिन ये सच है कि अगर गुरुवार से वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच के प्लेइंग 11 में ऋषभ पंत को शामिल किया जाता है, तो दो बातें साफ हो जाएंगी. पहली बात: प्लेइंग 11 में ऋषभ पंत की जगह का उनकी फॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है. दूसरी बात: अब भारत के काबिल से काबिल विकेटकीपर को अव्वल तो टीम में जगह नहीं मिलेगी, जगह मिली भी, तो वो सिर्फ रिजर्व विकेटकीपर ही रहेगा.

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ऐसा इसलिए, क्योंकि कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री और चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद को लगता है कि ऋषभ पंत भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं. ये अलग बात है कि इस भविष्य को संवारने की मुहिम में कई खिलाड़ियों का वर्तमान खराब हो रहा है.

फिलहाल ये बात अतिशयोक्‍त‍ि लग सकती है, लेकिन जिस तरह टीम इंडिया के महत्वपूर्ण लोग ऋषभ पंत को सपोर्ट कर रहे हैं, कहीं ऐसा न हो कि अगले तीन-चार साल के देश के भावी क्रिकेटर विकेटकीपिंग सीखने से तौबा न कर लें, क्योंकि प्रदर्शन और परिपक्वता चाहे जैसी हो, भारतीय क्रिकेट का भविष्य तो ऋषभ पंत ही हैं!

भारतीय टीम के भविष्य का रियलिटी चेक

ज्यादा इतिहास में जाने की जरूरत नहीं. 2019 आईपीएल के कम से कम दो मैच में ऋषभ पंत ने बेवजह आउट होकर अपनी टीम को मुसीबत में डाला था. विश्व कप के सेमीफाइनल में वो जिस तरह का शॉट खेलकर आउट हुए, वो हर किसी को याद है.

वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज में उन्होंने 3 मैचों में 69 रन बनाए. इसमें 65 रन उन्होंने एक मैच में बनाए. वनडे सीरीज के दो मैचों में ऋषभ पंत ने 20 रन बनाए हैं. इन सभी मैचों में उनके रन से ज्यादा तकलीफ हर किसी को उनके आउट होने के तरीके से है.

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‘क्या करूं अभी बच्चा हूं जी’

ऋषभ पंत अभी करीब 22 साल के हैं. खुद भी कहते हैं कि उन्हें अभी ‘मेच्योर’ होने में थोड़ा समय लगेगा. दिलचस्प बात ये है कि उनकी ये दलील कप्तान के तौर पर वही विराट कोहली मान लेते हैं, जो 22 साल की उम्र में खुद को ठीक-ठाक स्थापित कर चुके थे.

आपको बताते चलें कि विराट कोहली जब 22 साल के थे, तो वो 7 वनडे शतक लगा चुके थे. ऋषभ पंत के खाते में अभी एक भी वनडे शतक नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि भारतीय क्रिकेट में ऋषभ पंत के विकल्प के तौर पर कोई मौजूद नहीं है.

गौतम गंभीर जैसे दिग्गज क्रिकेटर संजू सैमसन की लगातार वकालत करते रहते हैं. इसके अलावा ईशान किशन हैं, जिन्होंने आईपीएल में अपनी कीपिंग से प्रभावित किया है. संजू सैमसन की उम्र अभी 25 से कम है. ईशान किशन तो अभी 21 साल के ही हैं, यानी ऋषभ पंत से भी छोटे. फिर ये दोनों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट का भविष्य क्यों नहीं हो सकते? इन्हें मौका दिए जाने को लेकर सवाल क्यों नहीं हो रहे हैं? क्या भारतीय चयनकर्ता इन दोनों के साथ अन्याय नहीं कर रहे हैं?

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ऋद्धिमान साहा हैं टेस्ट के बेहतर विकल्प

टेस्ट मैचों में ऋद्धिमान साहा बतौर विकेटकीपर बेहतर विकल्प हैं. वैसे भी भारतीय क्रिकेट में आमतौर पर यही होता है कि अगर कोई खिलाड़ी चोट की वजह से बाहर होता है, तो फिट होने पर उसे प्राथमिकता दी जाती है.

साहा चोट की वजह से बाहर हुए थे. अब वो फिट होकर मैदान में लौटे हैं. अपनी फॉर्म का सबूत उन्होंने कुछ अच्छी पारियां खेलकर दिया है. अब तक खेले गए 32 टेस्ट मैचों में उन्होंने अपनी परिपक्वता का सबूत भी दिया है. उनकी औसत 30 से ज्यादा की है. वो 3 टेस्ट शतक लगा चुके हैं.

अभी उनमें कम से कम 2 साल की क्रिकेट बची है. फिलहाल वो करीब 35 साल के हैं. अगर उन्हें टीम में रखा गया है, तो उनके नाम पर गंभीरता से विचार होना चाहिए. कीपिंग में भी वो ऋषभ पंत से बेहतर विकल्प हैं. इन बातों के बाद भी अगर प्लेइंग 11 में ऋषभ पंत ही दिखाई दें, तो नाराजगी जाहिर करने की बजाए इन दो बातों पर गौर कीजिएगा.

पहली बात: वेस्टइंडीज के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज के साथ ही भारतीय टीम का विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का सफर भी पूरा होगा. दूसरी बात: विराट के पास एक और जीत हासिल करके सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने के धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी का मौका भी है.

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