ADVERTISEMENTREMOVE AD

बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आखिरी दिन, क्या परेशान थे माही?

BCCI को अपना फैसला बताने के बाद धोनी होटल के कमरे में क्या कर रहे थे?

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

दुनिया भर में क्रिकेट के 453 कप्तान हुए लेकिन महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने सारे ICC ट्रॉफी अपनी कप्तानी में जीते हैं. अब वन-डे और टी-20 की कप्तानी धोनी ने छोड़ दी है लेकिन क्या आप जानते हैं बतौर कप्तान धोनी का आखिरी दिन कैसा गुजरा?

स्नैपशॉट
  • क्या धोनी के चेहरे पर शिकन थी?
  • क्या वो किसी से मिल-जुल नहीं रहे थे?
  • क्या धोनी ने इस फैसले के बाद पूरा वक्त परिवार के साथ बिताया?
  • क्या धोनी इतने बड़े फैसले के बाद मीडिया की नजरों से बचते नजर आए?

ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब जानने के लिए धोनी के फैन्स बेताब हैं. तो चलिए तस्वीरों के जरिए हम आपको दिखाते हैं कप्तानी छोड़ने के आखिरी दिन धोनी का हाल क्या था?

4 जनवरी को देर शाम धोनी ने कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया और दिन के वक्त वो झारखंड और गुजरात के बीच सेमी- फाइनल मैच का लुफ्त उठा रहे थे. चेहरे पर मुस्कुराहट आप देख सकते हैं, यकीनन धोनी अबतक कप्तानी छोड़ने का फैसला कर चुके थे, लेकिन इतने बड़े फैसले का कोई भी रिएक्शन उनके हाव-भाव में नहीं दिख रहा है. इसलिए तो पूरी दुनिया उन्हें कैप्टन कूल कहती है.

बीसीसीआई को कप्तानी छोड़ने वाला लेटर भेजने से पहले महेंद्र सिंह धोनी झारखंड रणजी टीम के खिलाड़ियों के साथ 30 मिनट लंबी मीटिंग में थे.

कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी ने क्या किया?

इधर ऐलान हो चुका था कि देश के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वन-डे और टी-20 की कप्तानी छोड़ दी है और उस वक्त धोनी नागपुर में अपने होटल के कमरे में प्ले-स्टेशन पर फीफा गेम खेल रहे थे.

पूरी दुनिया इस माथा-पच्ची में लगी थी कि आखिर धोनी ने ऐसा क्यों किया और उधर धोनी के कमरे के बाहर 4 सिक्योरिटी गार्ड खड़े थे जो होटल स्टाफ और कर्मचारियों को धोनी के साथ सेल्फी लेने के लिए कमरे के बाहर जमा होने से रोक रहे थे.

जब सब चले गए तो धोनी अपनी टीम के साथ एक छोटे से डिनर पर गए. फिर बड़े ही रिलैक्स अंदाज में बाहर निकले माने उनकी दुनिया में कुछ बदला ही न हो.

नागपुर में 4 जनवरी की दिनचर्या

अगर आप सोच रहे हैं कि धोनी को ये लग रहा होगा कि बढ़ती उम्र के साथ उनकी बल्लेबाजी की धार कम हो रही है, हेलिकॉप्टर शॉट कम हो गए हैं और बल्लेबाजी की भूख खत्म हो रही है तो ऐसा कतई नहीं है. 4 दिन से नागपुर में अड्डा जमाए धोनी के कप्तानी छोड़ने के पीछे ये वजह तो कतई नहीं है.

जैसे ही झारखंड की रणजी टीम की पारी खत्म हुई, महेंद्र सिंह धोनी अपनी किट के साथ पिच का रुख कर चुके थे. उनकी किट में 4 अलग-अलग साइट के बैट थे और प्रैक्टिस में मैदान का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जहां धोनी ने बॉल हिट नहीं किया.

लंच ब्रेक में 30 मिनट की बैटिंग प्रैक्टिस, फिर जिम में एक घंटे की वर्जिश फिर करीब 500 फैन्स के जमावड़े की तरफ देखकर से हल्की सी मुस्कान देना और धोनी...धोनी... के शोर के बीच वापस सिक्योरिटी के बीच खो जाना.

धोनी हमेशा ये संदेश देते रहे कि वो एक ऐसी टीम बनाने में विश्वास रखते हैं जो उनके बिना जीत का परचम लहरा सके, यकीनन इसकी बानगी नागपुर में देखने को मिली. रांची का हीरो यहां रणजी के खिलाड़ियों के लिए बड़े भाई जैसा था, विकेटकीपिंग टिप्स से लेकर डिनर और हंसी- मजाक तक- धोनी आने वाली पीढ़ी के लिए सबसे कूल इंसान बने रहे.

(इनपुट्स- Espn/ cricinfo से लिए गए हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×