कैमरा: शिव कुमार मौर्य
वीडियो एडिटर: दीप्ती रामदास
भारत के सबसे बड़े एथलीट्स में से एक पहलवान सुशील कुमार करीब एक साल बाद फिर बड़े मुकाबले के लिए तैयार हैं. 14 सितंबर से शुरू हो रही वर्ल्ड चैंपियनशिप में के लिए सुशील कुमार भारतीय टीम का हिस्सा है. कजाखस्तान में होने वाली इस चैंपियनशिप के लिए हाल ही में हुए ट्रायल के दौरान सुशील की बाउट को लेकर विवाद हुआ.
सुशील के खिलाफ ट्रायल की फाइनल बाउट में पहलवान जितेंद्र कुमार सामने थे, जिसे हराकर सुशील ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए अपना नाम पक्का किया. लेकिन जितेंद्र और उसके कोच ने आरोप लगाया कि सुशील ने बाउट के दौरान गलत तरीकों का इस्तेमाल किया.
हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है जबसुशील के ट्रायल पर विवाद हुआ हो. 2018 कॉमनवेल्थ के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियममें हुए ट्रायल में जमकर बवाल हुआ था. तब सुशील और प्रवीण राणा के समर्थक आपस में भिड़गए थे. राणा ने आरोप लगाया था कि सुशील ने उनके साथ मारपीट की.
हालांकि सुशील को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. द क्विंट से बात करते हुए सुशील ने कहा कि वो अच्छा ट्रायल था.
“अब इसके बारे में मैं क्या कहूं? मैं हमेशा उसके बारे में कुछ बताता ही रहता हूं. कई बार कई किस्से भी बताए हैं. लेकिन अच्छा और हेल्दी ट्रायल था और सबने खूब इंजॉय किया.”सुशील कुमार
66 किलोग्राम वर्ग में 2 बार ओलंपिक मेडल और एक बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड जीतने वाले सुशील पहली बार 74 किलोग्राम वर्ग में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उतर रहे हैं. इतना ही नहीं, सुशील 8 साल बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे हैं.
इस वर्ल्ड चैंपियनशिप के जरिए सुशील के पास 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए टिकट कटाने का मौका है. हालांकि सुशील कुमार ने साफ कहा कि मैट पर उतरने के बाद ही पता चलेगा क्या होगा.
“चांस तो मैट पर ही पता चलेगा. यहां बैठकर मैं नहीं बता पाउंगा,कोई भी खिलाड़ी इस तरह से नहीं बता सकता. वहां जाकर ही पता चलता है आप कैसा खेल रहे हो.”सुशील कुमार
फेडरेशन के नियमों में दखल नहीं
हाल ही में 6 बार की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम ने बड़े इवेंट्स से पहले ट्रायल्स खत्म करने की मांग की थी. वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए मैरी कॉम ने ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया था, जिस पर विवाद हुआ था.
हालांकि ट्रायल के जरिए वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए जगह बनाने वाले सुशील कुमार का मानना है कि फेडरेशन के बनाए नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
“मैरी कॉम अपने आप में एक अच्छी खिलाड़ी हैं. उन्होंने कई बार देश का नाम रोशन किया है, लेकिन मैं फेडरेशन के सिस्टम में दखल नहीं देना चाहता. जो नियम बनाए गए हैं, उनसे कोई भी नहीं भाग सकता...मैं भी नहीं.”सुशील कुमार
वॉकओवर देना सही नहीं
सिर्फ ट्रायल्स ही नहीं, सुशील के करियर में एक और विवाद रहा है और सुशील ने उस पर भी अपनी बात साफ तौर पर रखी.
2017 में नेशनल चैंपियनशिप के दौरान सुशील बिना कुश्ती लड़े ही नेशनल चैंपियन बन गए थे, क्योंकि क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फिर फाइनल में उनके विरोधी पहलवानों ने अपने सीनियर सुशील से भिड़ने से इंकार कर दिया था.
हालांकि सुशील ने कहा कि वो वॉक ओवर दिए जाने के खिलाफ हैं और अपने करियर में उन्होंने किसी को भी वॉकओवर नहीं दिया और न कभी देंगे.
“जो कुश्ती नहीं लड़ रहा है उसकी जिम्मेदारी मेरी थोड़ी न है. मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अच्छे से ट्रेनिंग कर मैट पर जाउं और विरोधी को हराऊं. मैं कभी वॉकओवर नहीं देता. मैं बिल्कुल नहीं करता. मेरे सीनियर के साथ भी कुश्ती हुई मेरी. मैं उनके पैर छूता रहा हूं, लेकिन पैर छूने के बाद भी मैंने कुश्ती लड़ी”सुशील कुमार
सुशील ने कहा बताया कि दोनों खिलाड़ी बराबर मेहनत करते हैं और उसकी तारीफ होनी चाहिए लेकिन कुश्ती लड़ी जानी चाहिए.
नई कैटेगरी में नई चुनौती
अपनी वेट कैटेगरी बदलकर 74 किलोग्राम में जाने के बाद से सुशील ने ज्यादा इवेंट्स में हिस्सा नहीं लिया और जितने भी इवेंट्स में हिस्सा लिया उनमें ज्यादा सफलता नहीं मिली.
हालांकि सुशील ने 2014 और 2018 का कॉमनवेल्थ गोल्ड जरूर जीता, लेकिन 2018 के एशियन गेम्स में उन्हें पहले राउंड में ही बाहर होना पड़ा. एक साल बाद हाल ही में मैट में उतरे सुशील को मेदवेद टूर्नामेंट में भी सफलता नहीं मिली.
इसके बावजूद सुशील की निगाहें 2020 ओलंपिक में अपना तीसरा मेडल जीतने पर रहेंगी. इसके लिए सुशील ने फेडरेशन से पर्सनल कोच की रिक्वेस्ट भी की और मलिकोव कमल के रूप में उन्हें कोच मिला भी, जिनके साथ सुशील कुछ महीनों से लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं.
“मेरे कुछ साल अच्छे जाते हैं और कुछ ऐसे ही. इन सबकी आदत हो गई है. अब अनुभव ज्यादा हो गया है. अच्छी ट्रेनिंग चल रही है और उम्मीद है अच्छा ही होगा.”सुशील कुमार
कोच मलिकोव की तारीफ करते हुए सुशील ने कहा- “मैंने (फेडरेशन से) रिक्वेस्ट पर्सनल कोच के लिए रिक्वेस्ट की थी, तो हमारे फेडरेशन के अधिकारियों ने कोच (मलिकोव कमल) को कहा कि आपको सुशील को ट्रेन करना है. वो कहीं जाते नहीं. कमल की बड़ा इज्जत है पूरे रूस में और पूरी दुनिया में. अब अच्छी ट्रेनिंग की है, तो अच्छा करने की कोशिश करेंगे.”
सुशील कुमार 8 साल बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जा रहे हैं. ये उनकी छठी वर्ल्ड चैंपियनशिप होगी. 2010 में 66 किलोग्राम के विजेता सुशील के सामने अब चुनौती 74 किलोग्राम में अपना दबदबा बनाने और टोक्यो का कोटा हासिल करने की है.
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