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युवी के 6 छक्के सबको याद हैं, लेकिन उनके बारे में ये जानते हैं आप?

एक दौर था जब युवराज खांसी आैर खून की उल्टी से परेशान थे, लेकिन इसके बावजूद वर्ल्ड कप में मैन आॅफ द सीरीज बने

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इंडिया के स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह 12 दिसंबर को अपना 35वां बर्थडे माना रहे हैं. उनका जन्म 1981 में चंडीगढ़ में हुआ था और वो हाल ही में हेजल कीच के साथ शादी के बंधन में बंधे हैं. बचपन से ही खेल का शोक रखने वाले युवी ने 19 साल की उम्र में अपना पहला वनडे मैच खेला था.

सचिन थे युवी के आइडियल

सचिन को अपना आइडियल मानने वाले युवी ने लगातार अंडर-19 में अपना बहतरीन प्रदर्शन दिया. केन्या के खिलाफ अपने करियर के पहले वनडे मैच में उन्हें बैटिंग करने का मौका नहीं मिला, पर 7 अक्टूबर 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में युवराज ने शानदार 84 रन की पारी खेली और उन्होंने ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब जीता. 2003 के वनडे मैच में बांग्लादेश के खिलाफ युवी ने अपनी पहली सेंचुरी बनाई.

एक दौर था जब युवराज खांसी आैर खून की उल्टी से परेशान थे, लेकिन इसके बावजूद वर्ल्ड कप में मैन आॅफ द सीरीज बने

इस रेकॉर्ड के बाद से तो लोगों की दीवानगी युवी के लिए देखते ही बनती थी.

युवी की जिंदगी का डरावना सच

अपनी कड़ी मेहनत और लगन से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले युवी जहां कामियाबी की बुलंदियों को छू रहे थे कि वहीं अचानक वर्ल्ड कप के समय उनकी तबीयत खराब होने लगी.

एक दौर था जब युवराज खांसी आैर खून की उल्टी से परेशान थे, लेकिन इसके बावजूद वर्ल्ड कप में मैन आॅफ द सीरीज बने
यूवराज जब के कैंसर हॉस्पिटल में एडमिट थे (फोटो:Facebook)

अक्सर खासी और खून की उल्टी से परेशान होते रहे, लेकिन वो सारे मैच खेलते रहे और किसी को इस बात की भनक तक लगने नहीं दी. उन्होंने अपने कैंसर की पूरी लड़ाई को अपनी लिखी हुई किताब 'द टेस्ट ऑफ माई लाइफ' में बयां किया है. यह किताब 2013 में आई थी. युवराज ने अपनी इस किताब में लिखा है...

कोई भी बीमारी आपको अंदर से तोड़ने के लिए काफी होती है. आप चारों ओर निराशा से भर जाते हैं. लेकिन, आपको निराश होने की जगह उससे डट कर लड़ने की जरूरत है. बीमारी के समय आपके भविष्य को लेकर जो मुश्किल सवाल आपके मन में आते हैं, उसका आपको सामना करना चाहिए. उससे पीछे भाग कर आपके अंदर और भी निराशा ही आएगी.

युवी कहते हैं कि कैंसर होने के बाद उन्हें इस बात का डर सताता था कि क्रिकेट में उनकी वापसी हो पाएगी या नहीं. लेकिन इस डर से उनकी लिखी हुई किताब ने काफी सुकून दिया और बीमारी से लड़ने में उनकी मदद की.

ट्विटर पर फैन्स को करते थे अपडेट

युवराज कैंसर के इलाज के दौरान अपने फैन्स को अपनी तबियत को लेकर अपडेट करते रहते थे. अपने रिपोर्टस को फैन के साथ अपनी खुशी से शेयर करते हुए कहा था, ‘आज डॉक्टर ने मेरे स्कैन को देखने के बाद बताया कि ट्यूमर मेरे सिस्टम से लगभग बाहर हो चुका है.’

युवी और उनके फैन्स ने यह जंग जीत ली थी. इस बूरे वक्त में युवी की मां शबनम सिंह ने साये की तरह उनका साथ दिया था.

जीत गए कैंसर की जंग

कैंसर की जंग जीतने के बाद युवी भारत लौटे. उन्होंने बताया कि दिल्ली लौटने पर उनकी मुलाकात इंडियन कैंसर सोसाइटी की मानद सचिव से हुई. जिन्होंने यूवी को निडरता से कैंसर की लड़ाई जीतने की बधाई दी और बताया कि वो दूसरे कैंसर पेशेंट्स के लिए के कैसे मिसाल और प्रेरणा बन गए हैं. एक सिलेब्रिटी को इस तरह से कैंसर से लड़ते देखने के बाद बाकि कैंसर के मरीजों में इस बीमारी से लड़ने के लिए और हिम्मत बढ़ेगी.

युवी की शानदार वापसी

युवराज के शानदार खेल की मदद से भारत ने पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप जीता था. इस दौरान युवी को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी दिया गया. उन्होंने नौ मैचों में 362 रन बनाए और 15 विकेट लिए.

युवराज ने हाल ही में अपना एक ब्रांड लॉन्च किया है. अपने फैशन ब्रांड ‘वाईडब्लूसी’ (YWC) के जरीए युवराज अपने कैंसर पीड़ितों की मदद करेंगे. युवराज का कहना है कि इस ब्रांड से जो भी प्रॉफिट होगा, उसे कैंसर पीड़ितों की मदद में लगाया जायेगा.

हेजल लेकर आईं बहार

क्रिकेट की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाले और जिन्दगी की इतनी बड़ी जंग जीतने के बाद युवी की जिंदगी में सबसे बड़ी खुशी आ ही गई.

एक दौर था जब युवराज खांसी आैर खून की उल्टी से परेशान थे, लेकिन इसके बावजूद वर्ल्ड कप में मैन आॅफ द सीरीज बने
युवी ने 30 नवम्बर को हेजल कीच के साथ शादी के बंधन में बंधे (फोटो:Facebook)

युवी मॉडल से एक्ट्रेस बनीं हेजल कीच के साथ 30 नवम्बर को चंडीगढ़ से 40 किलोमीटर दूर एक गुरद्वारे में शादी के बंधन में बंध गए. अब लोगों को अपना फैन बनाने वाले युवी हेजल के फैन हो गए हैं.

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