कोई सचमुच सपने में भी नहीं सोच सकता था कि एक टी-20 मैच में बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम पर कोई स्पिनर 6 विकेट ले जाएगा. मैच के बाद भी जब रवि शास्त्री ने युजवेंद्र से पूछा कि ‘क्या कभी 6 विकेट के बारे में सोचा था?’’ तो शरमाए से चहल ने हंस के जवाब दिया, ‘नहीं’
ये बहुत ही ईमानदार जवाब था. टी-20 मुकाबले में कोई गेंदबाज 6 तो क्या 4-5 विकेट के बारे में भी नहीं सोचता है और तो और, जब मैच चिन्नास्वामी जैसे स्टेडियम की पाटा पिच पर हो तो गेंदबाज का ध्यान विकेट लेने की बजाए रन बचाने पर ज्यादा होता है.
लेकिन बुधवार की शाम ये सब बातें बेइमानी हो गईं. जब अपने कोटे की 24 गेंदों में युजवेंद्र ने 6 बार बल्लेबाज को चकमा दिया और टी-20 के इतिहास में भारत के लिए एक पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए.
युजवेंद्र इन परिस्थितियों को जानता है, वो यहां गेंदबाजी करना जानता है. मुझे उसपर बहुत विश्वास है और वो पूरे जज्बे के साथ खेलता है. वो बहुत ही प्रतिभाशाली और दिलचस्प खिलाड़ी है.विराट कोहली, कप्तान, टीम इंडिया
जींद, हरियाणा के रहने वाले युजवेंद्र के करियर का ये छठा टी-20 मैच था और उन्होंने इसी मैच में विकेट का छक्का लगाया. सीरीज में 8 विकेट लेने वाले युजवेंद्र को मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया है. युजवेंद्र की गेंदबाजी का आलम ये था कि उन्होंने अपने आखिरी 5 विकेट सिर्फ और सिर्फ अपनी 10 गेंदों के भीतर लिए.
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