भारत में 5G इंटरनेट को लेकर लोगों में चर्चा है, 26 जुलाई यानी आज 5जी स्पेट्रम (5G Spectrum Auction) की नीलामी होने वाली है जिसके बाद भारत के लोगों को 5जी इंटरनेट यानी 4जी इंटरनेट से 10 गुना ज्यादा स्पीड वाला इंटरनेट मिलेगा.
लेकिन इसमें उपभोक्ताओं को कितना खर्च आएगा, 5जी काम कैसे करेगा, कितनी इंटरनेट स्पीड देगा और कौन सी कंपनियां कब तक 5जी सेवाएं देंगी? ये सब जानते हैं
क्या है 5G, यह कैसे काम करेगा और कितनी स्पीड देगा?
5G या पांचवीं जनरेशन (Fifth Generation) लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (LTE) में एक अपग्रेड है. 5जी के कारण कई समस्याओं का हल होगा और फास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगी, इसका नेटवर्क भी बढ़िया होगा. 5जी तीन बैंड्ज में काम करता है- लो बैंड, मिड और हाई फ्रिक्वेंसी बैंड स्पेक्ट्रम, इन्हीं की नीलामी होनी है. तीनों बैंड के अपने अपने काम हैं, फायदे और खामियां हैं.
Low- 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज जो लगभग 4जी जैसा है फिर Medium (3300 मेगाहर्ट्ज) और High (26 गीगाहर्ट्ज)
नीलामी के दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपयों के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज (MHz) स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए पेश किया जाएगा.
माना जा रहा है कि 5जी इंटरनेट की स्पीड 4जी की तुलना में 10 गुना ज्यादा होगी. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार 5जी 20 जीबीपीएस की स्पीड देगा जब डेटा बहुत ज्यादा होगा लेकिन औसतन यह 100 एमबीपीएस से भी ज्यादा की स्पीड देगा.
कौन सी कंपनियां देंगी 5जी सेवाएं?
26 जुलाई को होने वाली नीलामी में भाग लेने के लिए कुल चार कंपनियों ने आवेदन दिया था जिनके आवेदन को स्वीकार किया गया है. 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन भेजने की आखिरी तारीख 8 जुलाई थी. इसमें रिलायंस का जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडानी समूह भाग लेंगे. बता दें कि अडानी समूह ने हाल ही में National Long Distant और International Long Distance लाइसेंस भी प्राप्त किया था.
आम लोगों को कब तक मिल जाएगा 5जी इंटरनेट?
कोई भी नई टेक्नोलॉजी आने पर वह सभी की पहुंच में नहीं आता, शुरुआत में उसका टेस्ट होता है फिर धीरे धीरे हर शहर-गांव तक वह पहुंच जाता है.
दूरसंचार विभाग (DoT) के अनुसार, 13 शहरों को 5G मिलने की संभावना है, जिसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे शामिल हैं.
मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, कंपनी स्पेक्ट्रम खरीदती है तो उसको 6 महीने से 1 साल के अंदर सर्विस शुरू करनी ही होगी, यह सरकार का मेनडेट होता है. कई टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी तैयारी पूरी कर चुके हैं, ऐसे में वह स्पेक्ट्रम खरीदने के 3 से 6 महीने के अंदर सर्विस शुरू कर सकते है. ऐसे में इस साल के आखिर तक 5G सर्विस मिलने की पूरी संभावना है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि 5जी पूरी तरह से तैयार है. 2023 में मार्च के अंत तक इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है.
5जी इंटरनेट का प्लान आम लोगों को कितने रुपये में पडे़गा?
भारत में रिलायंस जीयो के आने के बाद इंटरनेट अधिकतर लोगों की पहुंच में हैं, इस समय 80 करोड़ यूजर्स ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल कर रहे हैं. जहां तक 5जी इंटरनेट प्लान के कीमतों का सवाल है तो फिलहाल इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन माना तो यही जा रहा है 4जी प्लान की कीमतों से यह महंगा होगा लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.
सीएनबीसी के अनुसार, भारती एयटेल के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर रणदीप ने साल की शुरुआत में बताया था कि 5जी के डेटा प्लांस की कीमतें लगभग 4जी के कीमतों की रेंज में ही होगी. हालांकि जिस तरह वोडाफोन आईडिया कि आर्थिक स्थिति है इसे ध्यान में रख कर ही कंपनी 5जी की प्राइसिंग तय करेगी.
5जी से भारत को क्या होगा फायदा?
जाहिर है 5जी की वजह से नेटवर्क कनेक्शन तो बढ़िया होगा ही, लेकिन इसके अलावा रियल टाइम कई सारी जानकारी साझा की जा सकेगी. आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस को बढ़ावा मिलेगा, वैज्ञानिक ज्यादा से ज्यादा डेटा को मशीन में प्रोग्राम कर पाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं 5जी आने के बाद देश की आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी. देश की शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, कृषि, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर में 5जी का बड़ा योगदान रहेगा.
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