कॉन्ट्रोवर्शियल प्लेटफॉर्म फेसऐप का इस्तेमाल कर सभी ने ये जान लिया है कि बुढ़ापे में वो कैसे दिखने वाले हैं. अब फेसऐप के बाद, मार्केट में एक और नया फेस फिल्टरिंग प्लेटफॉर्म आया है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आपकी फोटो को 15वीं सदी के पोर्ट्रेट में बदल देगा.
इस प्लेटफॉर्म का नाम है aiportraits.com,और इसकी खास बात ये है कि इस ऐप का इस्तेमाल आप अपने कंप्यूटर पर भी कर सकते हैं.
फोटो शेयर होने और यूजर्स की प्राइवेसी के साथ छेड़छाड़ होने के मुद्दे पर मेकर्स ने कहा,
‘इस वेबसाइट में फोटो को पोट्रेट में बदलने के लिए उन्हें सर्वर को भेजा जाता है. साथ ही आपकी फोटो के डाटा को किसी गलत उद्देश्य के लिए प्रयोग नहीं किया जाता है और फोटो को तुरंत ही डिलीट भी कर दिया जाता है.’
ये प्लेटफॉर्म MIT-IBM वॉटसन AI लैब के मॉरो मार्टिनो, एमानुअल डेल सॉत्जो और ओवेन कॉर्नेक ने तैयार किया है. इसके अलावा, पॉलिटेक्निको दी मिलानो के लुका स्टोर्नैयोलो और लिजा गाजीवा भी इसका हिस्सा रह चुके हैं.
लेकिन आप सोच रहे होंगे कि जब आजकल आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस कुछ भी कर सकती है, तो आखिर 15वीं सदी का पोट्रेट ही क्यों चुना गया?
हम 15वीं शताब्दी के यूरोप पर फोकस कर रहे हैं, जिसे कला इतिहासकारों जैसे कि जोआना वूडल, शियरर वेस्ट, जॉन बर्जर और कई अन्य लोगों ने बनाया है. ये सभी कलाकार पोट्रेट के इतिहास और उस समय में उभरती चित्रकला को दर्शाते हैं.AI Portraits Ars
शोधकर्ताओं और इंजीनियर्स की टीम ने इस बात की जानकारी भी दी है कि किस तरह से ये ऐप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आपकी फोटो को अलग स्टाइल और टेक्सचर में बदल देता है. पंद्रहवीं सदी के कई पोट्रेट के डाटा को अपनाकर और समझकर इस ऐप को तैयार किया गया है.
अब ये तो साफ है कि AI Portraits कला और चित्र के इतिहास पर बेस्ड है, और इसने पंद्रहवीं सदी की पेंटिंग्स को अपना आधार बनाया है. साथ ही इसमें फेसऐप की तरह प्राइवेसी को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं है.
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