शुक्रवार, 17 दिसंबर को भारत की एंटीट्रस्ट एजेंसी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Amazon.com की Future ग्रुप के साथ 2019 की डील को रद्द कर दिया.
इसी के साथ अमेजन पर 200 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसके बाद अमेरिकी कंपनी अमेजन को भारी नुकसान हुआ है.
सीसीआई ने अपने फैसले में कहा कि अमेजन (Amazon) ने 2019 के सौदे के उद्देश्य को छिपाया है और तथ्यों को दबाने की कोशिश की, अब इस सौदे की फिर से जांच करना जरूरी है.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के बाद अब अलग हो चुके पार्टनर Future के साथ अमेजन की कानूनी लड़ाई के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.
अमेजन ने 2019 में महीनों तक Future में अपने 200 मिलियन डॉलर के निवेश की शर्तों का सफलतापूर्वक उपयोग किया है, जिससे भारतीय रिटेलर के रिलायंस इंडस्ट्रीज को 3.4 बिलियन डॉलर में खुदरा संपत्ति बेचने का प्रयास किया जा सके.
इंडियन लॉ फर्म एसडी पार्टनर्स की साझेदार श्वेता दुबे ने कहा कि अप्रूवल को निलंबित कर दिया गया है, जो बिल्कुल अभूतपूर्व फैसला है.
ऐसा लगता है कि इस आदेश से सीसीआई को कॉम्बिनेशन के अप्रूवल को रोककर रखने का नया अधिकार मिल गया है. सीसीआई ने कहा कि अमेजन को अप्रूवल के लिए फिर से इनफॉर्मेशन जमा करने का समय दिया जाएगा.श्वेता दुबे, पार्टनर, इंडियन लॉ फर्म एसडी पार्टनर
Future और रिलायंस ने रिक्वेस्ट का जवाब नहीं दिया. अमेजन ने कहा कि वह इस आदेश की समीक्षा कर रहा है और निर्धारित समय के अंदर अगले चरणों में फैसला लिया जाएगा.
अमेजन ने तर्क दिया है कि फ्यूचर की गिफ्ट वाउचर यूनिट में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 200 मिलियन डॉलर का भुगतान करने के लिए 2019 के डील में सहमति हुई है, जो पैरेन्ट, फ्यूचर ग्रुप को अपने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड कारोबार को रिलायंस सहित कुछ कंपनियों के हाथों बेचने से रोकती है. लेकिन फ्यूचर ने CCI से शिकायत की है कि अमेजन ने तथ्यों को छुपाया है.
जब सीसीआई (Competition Commission of India) ने अमेजन से जवाब मांगा तो अमेजन ने कहा कि उसने कभी भी कोई इन्फॉर्मेशन नहीं छिपाई.
फ्यूचर-रिलायंस डील महीनों से रुकी हुई है क्योंकि अमेजन को सिंगापुर के एक ऑर्बिटर्स और कोर्ट से फेवरेबल अंतरिम फैसले मिले.
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