Facebook ने 20 दिसंबर को किसान एकता मोर्चा (KEM) के पेज को अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया था. कंपनी ने ऐसा कदम पेज के 'स्पैम पर कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स' के कथित तौर पर 'खिलाफ जाने' पर उठाया.
इस पेज का इस्तेमाल कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान करते हैं. सोशल मीडिया पर इस कदम को लेकर आक्रोश बढ़ने पर इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज दोबारा शुरू कर दिया गया था.
क्विंट ने फेसबुक से पूछा था कि पेज को ‘स्पैम’ क्यों फ्लैग किया गया और किस विशेष नियम का उल्लंघन हुआ है. इसके जवाब में फेसबुक ने 21 दिसंबर को कहा कि ‘उसके ऑटोमेटेड सिस्टम ने फेसबुक पेज www.facebook.com/kisanektamorcha पर एक्टिविटी बढ़ी हुई देखी और इसे स्पैम फ्लैग किया.’
कंपनी ने कहा, "हमें जैसे ही मालूम चला, पेज को 3 घंटों के अंदर रिस्टोर कर दिया गया.”
इससे पहले 20 दिसंबर की रात में फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा कि 'कंपनी ने किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज को रिस्टोर कर दिया है' और 'असुविधा के लिए खेद है.'
KEM ने पेज ब्लॉक होने के बाद ट्वीट किया था, "जब लोग अपनी आवाज उठाते हैं तो वो यही करते हैं." एक और ट्वीट में KEM ने कहा, "अब ये #TooMuchDemocracy है. किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन और फेसबुक ने @Kisanektamorcha पेज को डिलीट कर दिया."
फेसबुक ने बताया क्यों ब्लॉक हुआ था पेज
20 दिसंबर को 7:18 pm पर KEM के ट्विटर हैंडल से फेसबुक पेज के एक स्क्रीनशॉट को ट्वीट किया गया. इस स्क्रीनशॉट में नोटिफिकेशन दिख रहा था कि 'पेज को अनपब्लिश कर दिया गया है.'
स्क्रीनशॉट में लिखा था, "ये इसलिए क्योंकि किसान एकता मोर्चा स्पैम पर कम्युनिटी स्टैंडर्ड्स के खिलाफ जाता है."
क्विंट ने फेसबुक से तीन सवाल पूछे थे:
- पेज अनपब्लिश क्यों हुआ?
- उसे स्पैम क्यों फ्लैग किया गया?
- स्पैम के संबंध में किस कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन हुआ था?
विस्तृत जवाब में फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमारे रिव्यू के मुताबिक, हमारे ऑटोमेटेड सिस्टम ने फेसबुक पेज www.facebook.com/kisanektamorcha पर एक्टिविटी बढ़ी हुई देखी और इसे स्पैम फ्लैग किया, जो कि हमारी कम्युनिटी स्टैंडर्ड का उल्लंघन है. हमें जैसे ही मालूम चला, पेज को 3 घंटों के अंदर रिस्टोर कर दिया गया.”
फेसबुक ने बताया, "रिव्यू में सामने आया है कि केवल फेसबुक पेज इस कार्रवाई से प्रभावित हुआ था, इंस्टाग्राम नहीं."
फेसबुक के मुताबिक, स्पैम के खिलाफ ज्यादातर काम ऑटोमैटिक तरीके से होता है और इसके लिए 'संदिग्ध रवैये के पहचाने जाने वाले पैटर्न का इस्तेमाल होता है.'
कंपनी ने कहा, “उदाहरण के लिए अगर कोई अकाउंट जल्दी-जल्दी बार-बार पोस्ट कर रहा है तो ये स्ट्रॉन्ग साइन है कि कुछ गड़बड़ है. फेसबुक ह्यूमन रिव्यू टीम पर भी निर्भर करता है, जहां किसी स्थिति का संदर्भ समझने के लिए ह्यूमन एक्सपर्टीज की जरूरत पड़ती है.”
प्रवक्ता ने कहा, “2020 की तीसरी तिमाही में वैश्विक स्तर पर हटाए गए 1.9 बिलियन पोस्ट में से 74.9 मिलियन को वापस रिस्टोर कर दिया गया, जब हमें मुद्दे का पता चला तो.”
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