मद्रास हाईकोर्ट की मदुरैई बेंच ने टिकटॉक पर लगा बैन हटा दिया है. मद्रास हाईकोर्ट ने ये कहते हुए इस ऐप पर बैन लगाया था कि इससे पोर्नोग्राफी को बढ़ावा मिल रहा है.
22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद बुधवार को मद्रास हाईकोर्ट में इस मामले पर आखिरी सुनवाई हुई.
जस्टिस एन किरूबाकरण और एसएस सुंदर ने टिकटॉक की दलील सुनने के बाद ये फैसला सुनाया. कंपनी के वकील आइजैक मोहनलाल ने कोर्ट को बताया कि ऐप पर अश्लील कंटेंट अपलोड न हो, ये सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी है.
टिकटॉक प्लेटफॉर्म पर सिर्फ अश्लील कंटेंट ही नहीं, बल्कि नफरत से लेकर सांप्रदायिक चीजों को भी बढ़ावा देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने इसपर 3 अप्रैल को बैन लगा दिया था. इसके बाद सरकार ने गूगल और एपल से अपने स्टोर से इस ऐप को हटाने के लिए कहा था.
स्टोर से ऐप हटने के बाद कंपनी को रोजाना 3.4 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा था.
क्या है टिकटॉक ऐप?
TikTok ऐप का मालिकाना हक चीन की कंपनी बाइटडांस के पास है. यह ऐप लोगों को छोटे वीडियो बनाने और उन्हें शेयर करने की सुविधा देता है. इस ऐप के यूजर लिप-सिंक्ड वीडियो से लेकर म्यूजिक वीडियो तक अपलोड कर सकते हैं.
इसके अलावा यूजर्स को इस ऐप पर वीडियो को बेहतर बनाने के लिए बहुत से फिल्टर और एडिटिंग फीचर भी मिलते हैं. TikTok का दावा है कि भारत में उसके 5 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं.
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