भारत के करीब 70 लाख लोगों का डेटा लीक हो गया है. ऐसा दावा इजरायल की साइबर सिक्योरिटी फर्म vpnMentor के मुताबिक, ये डेटा इस समय सार्वजानिक है और पब्लिक डोमेन में मौजूद है.
टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, vpnMentor ने डेटा लीक होने का पता लगाया है. इस साइबरvसिक्योरिटी फर्म का कहना है कि लाखों लोगों का डेटा उस समय लीक हुआ है, जब उसे BHIM ऐप पर डाला जा रहा था.
लीक हुए डेटा में लोगों के आधार कार्ड की तस्वीरें और UPI आइडेंटिफायर शामिल हैं. ये डेटा ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया के कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) के एसोसिएट डाल रहे थे.
डेटा लीक होने का पता vpnMentor की रिसर्च टीम के सदस्य नोआम रोटेम और रान लोकर ने लगाया था.
हमने लीक का पता 23 अप्रैल को लगाया था और 29 अप्रैल को भारत की सेंट्रल इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT) से संपर्क किया था. पिछले हफ्ते तक डेटा पब्लिक डोमेन में मौजूद था.TOI से नोआम रोटेम ने कहा
vpnMentor के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए CSC ई-गवर्नेंस सर्विस ने कहा, "मर्चेंट वर्चुअल पेमेंट एड्रेस जैसे डेटा पॉइंट सार्वजानिक रखे गए थे, जिससे कि सिस्टम में पारदर्शिता रहे."
इसके साथ ही पोर्टल के स्टेटिक पेज, पीडीएफ फाइलें, ई-टेक्स्ट, तस्वीरें और जागरुकता के वीडियो भी सार्वजानिक रखे गए थे.
BHIM प्रोजेक्ट में किसी भी मर्चेंट का आधार डेटा लेना शामिल नहीं था, इसलिए आधार कार्ड जैसी व्यक्तिगत जानकारी का सार्वजानिक होने का सवाल ही नहीं उठता.TOI से CSC ई-गवर्नेंस सर्विस ने कहा
CSC ई-गवर्नेंस सर्विस ने ये भी कहा कि डेटा देश की सीमाओं में स्थित भारतीय सर्वरों पर ही रखा गया है.
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