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World UFO Day: रूसवेल क्रैश और एरिया-51 से जुड़ी 10 बड़ी बातें

UFO के होने या न होने की बहस के बीच साल 2001 से World UFO Day मनाया जा रहा है

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वर्ल्ड यूएफओ डे यानी 2 जुलाई से ठीक पहले नासा में रिसर्चर रहे और अब फिजिक्स के प्रोफेसर KEVIN KNUTH ने नई बहस छेड़ दी है. KEVIN KNUTH का कहना है कि दुनिया की कई सरकारों के पास यूएफओ यानी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (उड़नतश्तरी) के देखे जाने के पुख्ता सबूत हैं.

लेकिन ये सरकारें अपने लोगों से इन जानकारियों को साझा नहीं कर रही है. KEVIN KNUTH के इस बयान ने उन सारे दावों को फिर मजबूत कर दिया है. जिसमें UFO देखे जान की बात कही जाती है. अमेरिका के न्यू मेक्सिको से लेकर यूपी के लखनऊ, कानपुर तक ऐसा दावा साल दर साल किया जाता रहा है और एलियंस की मौजूदगी की बात की जाती रही है.

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ऐसे में World UFO Day पर जानते हैं 10 बड़ी बातें

1.UFO के होने या न होने की बहस के बीच साल 2001 से World UFO Day मनाया जा रहा है. इसका मकसद है दुनियाभर में UFO और एलियंस की मौजूदगी पर बहस हो और सार्वजनिक तौर पर रिसर्च किए जाए. पहले ये 24 जून और 2 जुलाई दोनों दिनों पर मनाया जाता था. लेकिन अब इसे आधिकारिक तौर पर 2 जुलाई को ही मनाया जाता है.

2. आसमान में दिखने वाली ऐसी कोई भी चीज जो इंसानों ने नहीं बनाई हो और वो कोई प्राकृतिक सिद्धांत न हो. उसे आमतौर पर UFO कहा जाता है. हर साल ऐसी कोई न कोई आकृतियां देखी जाती हैं. 1950 के दशक तक ऐसे कई UFO अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों के आसमानों में देखे जाने लगे थे.

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3. साल 1953 में यूनाइटेड स्टेट्स एयरफोर्स ने इसे UFO का नाम दिया. जिससे इनका रिकॉर्ड रखा जा सके और बाद में रिव्यू किया जा सके. 1940-50 के दशक में इन्हें आम तौर फ्लाइंग डिस्क भी कहा जाता था.

दरअसल, ये दौर शीत युद्ध का था. कई देश गुपचुप तरीके से नए-नए तरह के एयरक्राफ्ट, मिसाइल बनाने में व्यस्त थे. ऐसे में इस तरह के संदिग्ध फ्लाइंग ऑब्जेक्ट दिखने के बाद उसपर रिसर्च किया जाता था.

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4. 'रूसवेल क्रैश' केस इतिहास का सबसे चर्चित केस माना जाता है. ये अमेरिका के न्यू मेक्सिको के रूसवेल की साल 1947 की घटना है. जब एक संदिग्ध 'गुब्बारे' का क्रैश हुआ था. वहां रहने वाले कई लोगों ने ये माना था कि क्रैश हुआ मलबा, UFO का है. लेकिन खबर मिलने के बाद यूनाइटेड स्टेट्स एयरफोर्स ने दावा किया था कि मलबा, UFO का नहीं बल्कि मौसम जांचने वाला गुब्बारे का है. उस दौर में यूएफओ और उसपर स्टडी शुरू नहीं हुई थी.

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5. 1970 के दशक के आसपास रूसवेल क्रैश पर कई थ्योरियां सामने आईं. ऐसी ही एक थ्योरी में दावा किया गया कि ये मलबा एलियंस के स्पेसक्राफ्ट का है और मलबे से एलियंस का एक शव भी बरामद हुआ है, जिसपर वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं. लगातार कई ऐसी रिपोर्ट सामने आईं.

कुछ किताबें भी इसपर लिख दी गईं. ऐसे में 90 के दशक में यूनाइटेड स्टेट्स एयरफोर्स ने 1947 की रूसवेल घटना पर अपनी रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि जिस गुब्बारा का क्रैश हुआ था वो  Project Mogul का हिस्सा है. ऐसा प्रोजेक्ट जिसके तहत माइक्रोफोन और गुब्बारे के जरिए दुश्मन देश के एटॉमिक बम को डिटेक्ट किया जाता है.

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5. 1970 के दशक के आसपास रूसवेल क्रैश पर कई थ्योरियां सामने आईं. ऐसी ही एक थ्योरी में दावा किया गया कि ये मलबा एलियंस के स्पेसक्राफ्ट का है और मलबे से एलियंस का एक शव भी बरामद हुआ है, जिसपर वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं. लगातार कई ऐसी रिपोर्ट सामने आईं. कुछ किताबें भी इसपर लिख दी गईं.

ऐसे में 90 के दशक में यूनाइटेड स्टेट्स एयरफोर्स ने 1947 की रूसवेल घटना पर अपनी रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि जिस गुब्बारा का क्रैश हुआ था वो  Project Mogul का हिस्सा है. ऐसा प्रोजेक्ट जिसके तहत माइक्रोफोन और गुब्बारे के जरिए दुश्मन देश के एटॉमिक बम को डिटेक्ट किया जाता है. 
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6. रूसवेल क्रैश का सीधा संबंध 'एरिया-51' से है. अमेरिका की बेहद खुफिया जगह. कुछ साल पहले तक अमेरिका ऐसी किसी जगह के वजूद से ही इनकार किया करता था. लेकिन साल 2013 में अमेरिका ने कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक कर ये मान लिया है कि 'एरिया-51' उसका स्पेशल टेस्टिंग एरिया है, जहां UFO जैसी चीजों पर भी टेस्टिंग की जाती है.

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7. साल 1955 में एरिया-51 जगह को टेस्टिंग के लिए चुना गया था. इस क्षेत्र का वजूद सामने आने के बाद रूसवेल क्रैश और UFO के सच में दिखने की बात को ज्यादा बल मिला है.

8. रूसवेल क्रैश और एरिया-51 के संबंधों के बारे में ये कहा जाता रहा है कि मलबे से हासिल हुए एलियन के शव पर परीक्षण इसी क्षेत्र में किया जाता है. सालों से कुछ तस्वीरें और फुटेज भी वायरल होती हैं. जिसमें एलियन जैसे दिखने वाले शव पर वैज्ञानिक परीक्षण करते हुए नजर आते हैं.

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9. रूसवैल क्रैश के अलावा UFO दिखने की कई बड़ी घटनाओं का दावा किया जाता रहा है. सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान कई फायटर प्लेन के पायलट ने आकाश में UFO जैसी चीजों को देखा और उनकी तस्वीरें ली थी. साल 1997 में अमेरिका के नेवादा के हजारों लोगों ने आकाश में v-shape पैटर्न को देखा था.

10. भारत से भी कई बार ऐसे दावे किए जाते रहे हैं. साल 2014 में लखनऊ, 2015 में कानपुर, दिल्ली और 2016 में बाड़मेर से ऐसे दावे किए गए और सबूत के तौर पर तस्वीरें पेश की गईं थी.

(सोर्स-डेली मेल, यूएफओ डे ऑर्गेनाइजेशन)

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