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सरकारी अस्पतालों में ही होगी रोबोट से सर्जरी

साल 2020 तक रोबोटिक सर्जरी में भारत विश्व में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनने के लिए तैयार है.   

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भारत में भी सर्जन के बजाए रोबोट से ऑपरेशन होंगे. लेकिन घबराइए मत, अमेरिका में तो रोबोटिक ऑपरेशन में जो एक्सपेरिमेंट हुए हैं उनका एक्सपीरिएंस बहुत शानदार रहा है.

भारत में भी इस तरह की सर्जरी शुरू हो गई है और हर महीने करीब 700 सर्जरी इसी टेक्नोलॉजी के जरिए हो रही हैं. यानी सालाना करीब 8,500. लेकिन ताजा अनुमान के मुताबिक 2020 तक सर्जरी की तादाद सालाना 20 हजार पार कर सकती है. अभी इस मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है. लेकिन ये मत समझिए रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर भी रोबोट होता है?

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रोबोटिक सर्जरी

यूरोलॉजी, गायनोकोलॉजी, कोलोरेक्टल, पीडियेट्रिक और सामान्य ऑपरेशन में रोबोटिक सर्जरी बहुत कामयाब रही है. गोवा में रोबोटिक सर्जन्स काउंसिल में आए जानकारों के मुताबिक भारत रोबोट की बिक्री और सर्जरी के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है.

2011 में हमने सिर्फ आठ से नौ रोबोट सर्जरी से शुरुआत की थी. पहले लोगों को लगा कि यह तरीका बहुत महंगा होगा और डॉक्टरों को लगा था उन्हें इसे सीखने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ेगा लेकिन अब धारणाएं बदल गई हैं”
राज वट्टीकुटि, संस्थापक और अध्यक्ष, वट्टीकुटि फाउंडेशन
अभी भारत में 50 से ज्यादा सर्जिकल रोबोट हैं जिसमें 300 से ज्यादा ट्रेंड रोबोट सर्जन हैं . अनुमान के मुताबिक  देश में हर महीने 700 रोबोटिक सर्जरी होती हैं, इसके स्कोप को देखते हुए बड़े पैमाने पर सर्जन इसे सीख रहे हैं.
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देश के बड़े सरकारी अस्पतालों ने भी बड़े पैमाने पर रोबोटिक सर्जरी शुरू कर दी है. दिल्ली के एम्स, सेना अस्पताल, दिल्ली कैंसर संस्थान, पीजीआई चंडीगढ़ जैसे सरकारी अस्पतालों ने पहले ही रोबोट खरीद लिए हैं. जोधपुर और ऋषिकेश में स्थित एम्स और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल जैसे दूसरे बड़े अस्पताल में भी जल्द रोबोट के जरिए सर्जरी शुरू हो जाएगी.

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