गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने गुरुवार को कहा कि कंपनी स्थानीय कानूनों का पालन करने के लिए और सरकारों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकारें तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी क्षेत्र से तालमेल बिठाने के लिए नियामक ढांचे बनाती हैं.
पिचाई ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से शुरुआती दिन हैं और हमारे स्थानीय दल बहुत व्यस्त हैं... हम हमेशा हर देश में स्थानीय कानूनों का सम्मान करते हैं और हम रचनात्मक रूप से काम करते हैं. हमारे पास स्पष्ट पारदर्शिता रिपोर्ट हैं, जब हम सरकारी अनुरोधों का अनुपालन करते हैं, तो हम इसका जिक्र अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में करते हैं.’’
उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र और खुला इंटरनेट बुनियादी बात है और भारत में इसकी लंबी परंपराएं हैं.
पिचाई ने कहा, ‘‘एक कंपनी के रूप में हम स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों और इससे होने वाले फायदों के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं और हम इसकी वकालत करते हैं, और हम दुनियाभर के नियामकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ते हैं, हम इन प्रक्रियाओं में हिस्सा लेते हैं.’’
पिचाई ने आगे कहा कि कंपनी विधायी प्रक्रियाओं का सम्मान करती है, और जिन मामलों में उसे पीछे हटने की जरूरत होती है, वो ऐसा करती है.
बता दें कि भारत सरकार ने 25 फरवरी को नए आईटी नियमों का ऐलान किया था. इन नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से ज्यादा यूजर हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं. कंपनियों को नए नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था.
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