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...तो दिल्ली-एनसीआर में रजिस्टर हो पाएगी आपकी SUV

भारत में डीजल कारों की विक्रेता लगभग सभी कंपनियां दिल्ली-NCR मेें लगे डीजल कार बैन से निपटने की रणनीति बना रही हैं

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दिल्ली-एनसीआर में डीजल कारों का लेखा जोखा

  • देश में बिकने वाली हर पांच कारों में से एक कार दिल्ली एनसीआर रीजन में बिकती है.
  • ऐसे में कोई भी कंपनी इस मार्केट को खोना नहीं चाहती.
  • भारत में हर साल 30 लाख कारों की बिक्री होती है.
  • इसका सात फीसदी हिस्सा एनसीआर में होता है.
  • एक अनुमान के मुताबिक एनसीआर में हर साल 2,10,000 कारें बिकती हैं.
  • इनमें से डीजल गाड़ियों का प्रतिशत 25 है.
  • यह भारत में बिकने वाली कारों में डीजल कारों की कुल संख्या का 1.75 प्रतिशत है.

भारत में डीजल कारों की निर्माता लगभग सभी कंपनियां दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी और उससे अधिक पावरफुल इंजनों से लेस कारों के पंजीकरण पर लगे प्रतिबंध को लेकर परेशान हैं. लेकिन इन कार मेकर कंपनियों की रणनीति पर गौर करें, तो डीजल कारों की निर्माता लगभग सभी अग्रणी कम्पनियां इस समस्या से निपटने के लिए दूसरे रास्ते अपनाती नजर आ रही हैं.

हाल ही में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने नए 1.99 लीटर एमहॉक डीजल इंजन की घोषणा की, जिसे नए जेनरेशन की ‘स्कॉर्पियो’ और ‘एक्सयूवी 500’ में फिट किया जाएगा. और इस कार को खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर के मार्केट को ध्यान में रखकर लॉन्च किया जाएगा.

आपको याद दिला दें कि नई दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिसम्बर, 2015 को एक निर्देश जारी किया था. इस निर्देश में कोर्ट ने सरकार को 2000 सीसी से अधिक शक्ति वाले इंजनों से लैस कारों के पंजीकरण पर 31 मार्च, 2006 तक प्रतिबंध लगाने को कहा था.

इस प्रतिबंध से मुख्य तौर पर स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी), मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (एमयूवी) और कुछ लग्जरी ब्रैंड्स जैसे मर्सिडीज बैंज़ व टोयोटा की कार सेल पर बुरा असर पड़ा. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर इंडिया के सेल्स डायरेक्टर एन.राजा ने बताया

साफतौर पर इस प्रतिबंध ने पहले क्वार्टर में इनोवा और फॉर्च्यूनर की बिक्री पर असर डाला. हमारी कुल सेल का 8 से 10 परसेंट एनसीआर में हुई बिक्री से आता है.


भारत में डीजल कारों की विक्रेता लगभग सभी कंपनियां दिल्ली-NCR मेें लगे डीजल कार बैन से निपटने की रणनीति बना रही हैं
कॉन्सेप्ट कारों के अलावा कई नए एसयूवी कारों के मॉडल भी ऑटो एक्सपो में पेश किए गए. ये है सैंगयॉन्ग की ‘तिवोली’. (फोटो: द क्विंट)
मर्सिडीज के 11 मॉडल इस कार बैन की चपेट में आए. चूंकि कंपनी की 70 परसेंट कारें डीजल बेस्ड हैं, ऐसे में कंपनी की टोटल सेल 20 परसेंट गिरी.

आपको बता दें कि देश में बिकने वाली हर 5 कारों में से 1 कार की सेल दिल्ली एनसीआर रीजन में होती है. और कोई भी कंपनी इस मार्केट को खोना नहीं चाहती. ऐसे में सभी कार निर्माता कंपनियों ने ऐसी सभी गाड़ियों के इंजनों की शक्ति को मामूली स्तर पर कम करते हुए इस प्रतिबंध से निपटने का मन बनाया है.

इस क्रम में महिंद्रा ने हाल ही में अपनी एसयूवी ‘एक्सयूवी 500’ को नए 1999.9 सीसी इंजन अवतार में बाजार में उतारा. जबकि इस कार का पुराना मॉडल 2000 सीसी की पावर के साथ आता था.



भारत में डीजल कारों की विक्रेता लगभग सभी कंपनियां दिल्ली-NCR मेें लगे डीजल कार बैन से निपटने की रणनीति बना रही हैं
ह्युंडई ने पेश की नई टूसौं. (फोटो: द क्विंट)

महिंद्रा के पीछे-पीछे ये भी बदलाव को तैयार

  • टोयोटा का प्लान भी अपनी कारों में लगे इंजनों को 2000 सीसी से कम पावर पर लाने का है.
  • टोयोटा अपने प्लान-बी में अपनी सभी गाड़ियों का पेट्रोल वेरिएंट बाजार में उतारने के बारे में सोच रहा है.
  • टोयोटा का दावा है कि उसके पास हर कार के लिए पेट्रोल इंजन उपलब्ध है.
  • अमेरिका की मशहूर एसयूवी निर्माता कंपनी जीप ने भी साफ किया है कि उसके पास भी इस सरकारी प्रतिबंध से निपटने के कई रास्ते हैं.
  • कंपनी भारत में जीप को 3.6 लीटर के पेट्रोल इंजन के साथ उतारने के बारे में गम्भीरता से सोच रही है.
  • वैश्विक उत्सर्जन कांड में फंसी जर्मन कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन ने भी इसी तरह की बात कही.
  • (आईएएनएस से इनपुट समेत)

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