ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में दिखा ट्रकों का हुजूम, लेकिन ये कोई ऐसे-वैसे ट्रकों की भीड़ नहीं थी. बल्कि यहां टाटा मोटर्स द्वारा आयोजि T1 प्राइमा ट्रक रेसिंग में ट्रकों का दम दिखाया जा रहा था.
‘जूनून-ए-ट्रकिंग’ की टैगलाइन वाली इस रेस का ये चौथा सीजन था. यहां आपके सामने इस इवेंट का वो डिग्री नजारा पेश है जो आपने पहले कभी नहीं देखा होगा.
T1 प्राइमा ट्रक रेसिंग को आप भारत की F1 ट्रक रेसिंग कह सकते हैं, जिसे मद्रास मोटर स्पोर्ट्स क्लब आयोजित कराता है.
ये ट्रक रेस तीन भागों में बंटी होती है- प्रो क्लास, सुपर क्लास और चैंपियन क्लास. ये सब क्वालिफाई करने के बाद 12 इंटरनेशनल और 20 इंडियन ट्रक फाइनल रेस करते हैं.
प्रो क्लास में 8 लैप और 15 लैप रेस होती है. 12 इंटरनेशनल रेसर एक दूसरे के खिलाफ मुकाबला करते हैं.
सुपर क्लास फ्रेश इंडियन ड्राइवर्स का बैच होता है. 10 रेसर एक मोटर स्पोर्ट्स ड्राइवर ट्रेनिंग एंड सेलेक्शन प्रोग्राम (T1 रेसर प्रोग्राम) के जरिए सेलेक्ट किए जाते हैं.
चैंपियन क्लास में 10 ड्राइवर होते हैं. ये फर्स्ट इंडियन ड्राइवर्स पिछले साल की T1 ट्रक रेसिंग में भाग ले चुके होते हैं.
प्रो क्लास में 6 टीमें हिस्सा लेती हैं, जिनमें हर टीम से 2 ड्राइवर होते हैं. 6 यूरोपियन और 6 ब्रिटिश ड्राइवर्स मिलकर 12 ड्राइवर्स का बैच बनाते हैं.
29 साल के नागार्जुन लगातार दूसरे साल चैंपियन क्लास जीते. इस चैंपियन का लैप फास्टेस्ट रहा 1:50.562.
अक्षय कुमार ने ही इंटरनेशनल ड्राइवर्स की प्रो क्लास रेस का शुभारंभ किया था, जिसमें चेक रिपब्लिक के डेविड ने रेस जीती.
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