गुजरात का अकोदरा गांव आजकल सुर्खियों में है. जब से पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की है, ये अकेली ऐसी जगह है, जहां कैश की कमी का प्रभाव नहीं पड़ा. यहां अधिकतर काम कैशलेश होते हैं.
यह पीएम मोदी का आइडिया था कि अकोदरा गांव को कैशलेश गांव बनाया जाए. ICICI बैंक ने 2015 में इस गांव को गोद लिया और इसे डिजीटल गांव बनाया. यहां हर घर में कम से कम एक मोबाइल तो है ही, जिसका इस्तेमाल मोबाइल बैंकिंग के लिए किया जाता है.
नोटबंदी की वजह से पड़ोस के गांवों में मिल्क इंडस्ट्री पर फर्क पड़ा, लेकिन यहां ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होने की वजह से रोजमर्रा जिंदगी अभी भी सामान्य चल रही है. गांव में लूट की वारदात भी काफी कम है क्योंकि लोग काफी कम कैश रखते हैं.
ये अकेला गांव हैं जहां के एटीएम में कैश होने का बावजूद लाइन नहीं लगी है.
बैंक ने गांव के स्कूलों और आंगनवाड़ी को भी डिजीटाइज करने में मदद की है. यहां बैंक ने डिजीटल बोर्ड, एलसीडी स्क्रीन और टेबल्स मुहैया कराई है. यहां तक की सब्सक्रिप्शन बेस्ड वाईफाई भी उपलब्ध है, हालांकि इंटरनेट की स्पीड अच्छी नहीं है.
अकोडरा गांव एक सबूत है कि जो ये साबित करता है कि अगर सरकार, प्राइवेट सेक्टर और लोग चाहें तो बदलाव लाया जा सकता है.
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