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Yahoo ने भारत में बंद की न्यूज वेबसाइट्स, नए FDI नियमों के कारण लिया फैसला

Yahoo ने कहा, "26 अगस्त, 2021 से याहू इंडिया अब कंटेंट पब्लिश नहीं करेगा."

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याहू (Yahoo) ने अपनी न्यूज और क्रिकेट समेत कई वेबसाइट्स को भारत में बंद कर दिया है. भारत में डिजिटल कंटेंट ऑपरेट और पब्लिश करने वाली मीडिया कंपनियों के विदेशी स्वामित्व को सीमित करने के लिए नए फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (FDI) नियमों के कारण याहू ने ये फैसला लिया है. याहू न्यूज, याहू क्रिकेट, फाइनेंस, एंटरटेनमेंट और मेकर्स इंडिया वेबसाइट्स अब भारत में बंद कर दी गई हैं.

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हालांकि, याहू ने कहा है कि इसका वो याहू ईमेल और सर्च सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

याहू न्यूज की वेबसाइट पर लगे नोटिस में लिखा है, "26 अगस्त, 2021 से याहू इंडिया अब कंटेंट पब्लिश नहीं करेगा. आपका याहू अकाउंट, मेल और सर्च सर्विस किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होंगे और हमेशा की तरह काम करेंगे. हम आपके सपोर्ट और रीडरशिप के लिए आभार व्यक्त करते हैं."

अपने हेल्प सेक्शन में, याहू ने कहा, 26 अगस्त 2021 से कंपनी ने भारत में कंटेंट को पब्लिश करना बंद कर दिया है और देश में याहू के कंटेंट ऑपरेशन को बंद कर दिया गया है.

"हमने ये फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया है. हालांकि, भारत में नियामक कानूनों में बदलाव से याहू इंडिया प्रभावित हुआ है, जो अब भारत में डिजिटल कंटेंट को ऑपरेट और पब्लिश करने वाली मीडिया कंपनियों के विदेशी स्वामित्व को सीमित करता है. याहू का भारत के साथ एक लंबा जुड़ाव रहा है और हमें पिछले 20 सालों से अपने यूजर्स को यहां उपलब्ध कराई गई प्रीमियम, लोकल कटेंट पर गर्व है."
याहू का बयान

याहू क्रिकेट को भी बंद कर दिया गया है. इसपर कंपनी ने कहा, "नए FDI नियमों के तहत ये भी प्रभावित हुआ था, जो मीडिया कंपनियों के विदेशी स्वामित्व को सीमित करता है, जो भारत में 'न्यूज एंड करंट अफेयर्स' स्पेस में डिजिटल कंटेंट को ऑपरेट और पब्लिश करते हैं."

याहू ने अपने मेल यूजर्स के लिए साफ करते हुए कहा, "अगर आप याहू मेल यूजर हैं, तो ये बदलाव आपको किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करता है. ये हमारे याहू मेल और याहू सर्च प्रोडक्ट्स को प्रभावित नहीं करता है, जहां हम पहले की तरह बिना किसी बदलाव के भारत में यूजर्स को सर्व करना जारी रखेंगे."

2017 में अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी वेरिजन ने अधिग्रहित किया गया था.

अक्टूबर में लागू होने वाले नए FDI नियमों के मुताबिक, भारत में स्थित एक डिजिटल मीडिया कंपनी केंद्र सरकार की अनुमति के साथ गैर-भारतीय इकाई से 26 प्रतिशत तक निवेश स्वीकार कर सकती है.

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