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‘फ्री’ रिलायंस JIO 4G के बारे में 5 ऐसी बातें, जो आप नहीं जानते

रिलायंस जियो: ग्राहक मौज में, विरोधी खौफ में. लेकिन ज्यादा खुश न हों, पहले इस ‘ट्रायल’ स्कीम के बारे में समझें. 

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क्या आपने कभी दुकानों के खुलने से पहले सुबह 9:30 बजे शापिंग मॉल के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखी हैं? रिलायंस जियो के जरिए 90 दिनों के फ्री इंटरनेट का अॉफर आने के बाद देश के कई शहरों में कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दे रहा है.

देशभर में रिलायंस डिजिटल स्टोर के बाहर सिम पाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. हर कोई जियो 4जी अॉफर पाना चाहता है.

रिलायंस ने कमर्शियल स्तर पर, बिना 4जी नेटवर्क लॉन्‍च किए ही बाजार में जियो सिम के जरिए तहलका मचा दिया है. 15 लाख से ज्यादा लोग वॉयस, वीडियो काल, मेसेंजिंग सब कुछ मुफ्त में उपयोग कर रहे हैं. जहां ग्राहक इससे बेहद खुश नजर आ रहे हैं, वहीं प्रतिस्पर्धी कंपनियां जल-भुनकर बैठी हुई हैं.

यहां हम आपके लिए लाए हैं ऐसे 5 सवाल, जिनके जवाब पढ़ने के बाद जियो के बारे में आपकी सारी आशंकाएं दूर हो जाएंगी.

अॉफर के 90 दिन के बाद क्या होगा?

अनलिमिटेड डाटा, वॉयस काल और एसएसएस का फ्री प्लान 90 दिनों बाद खत्म हो जाएगा. इसके बाद ग्राहकों को टैरिफ प्लान खरीदने और आगे रिलायंस जियो के उपयोग के विकल्प दिए जाएंगे.

रिलायंस जियो:  ग्राहक मौज में, विरोधी खौफ में.  लेकिन ज्यादा खुश न हों, पहले इस ‘ट्रायल’ स्कीम के बारे  में समझें. 
(फोटो: iStock)

अगर लीक हुए डाटा प्लान के बारे में बात करें, तो रिलायंस देश का सबसे सस्ते डाटा रेट्स वाला प्लान लाने वाला है. इसमें हर एमबी के लिए आपको देने होंगे केवल 50 पैसे.

कमर्शियल लॉन्‍च कब?

पहले कमर्शियल लॉन्‍च 15 अगस्त को होना था. लेकिन हालिया खबरों से पता चला है कि मुकेश अंबानी 1 सितम्बर को आरआईएल की सालाना जनरल मीटिंग में इसकी घोषणा कर सकते हैं. शेयरहोल्डर और ग्राहक दिसंबर 2015 से ही इसका इंतजार कर रहे हैं.

क्या यह कानूनी है?

दूसरी कंपनियों- एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया का आरोप है कि रिलायंस ट्रॉयल का गलत इस्तेमाल कर रही है.

रिलायंस जियो:  ग्राहक मौज में, विरोधी खौफ में.  लेकिन ज्यादा खुश न हों, पहले इस ‘ट्रायल’ स्कीम के बारे  में समझें. 
(फोटो: iStock)

कुल मिलाकर रिलायंस, सरकार को बिना 4जी स्पेक्ट्रम की फीस दिए, लोगों को 4जी सर्विस दे रही है. वह भी बिल्कुल मुफ्त में. जियो 4जी ट्रॉयल कुल मिलाकर उस एरिया में अपना बिजनेस कर रहा है, जहां टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी अॉफ इंडिया को कोई आपत्ति नहीं होती.

वॉयस कॉल के बारे में क्या?

जियो नेटवर्क के शुरुआती ग्राहक इसकी वॉयस कॉल सर्विस की शिकायत कर रहे हैं. खुद रिलायंस भी ये बात मानता है.

ट्राई में दिए गए डाटा के अनुसार, जियो का कॉल ड्रॉप 65% के ऊपर है. वोडाफोन,आइडिया और एयरटेल से रिलायंस जियो के 1.6 करोड़ से ज्यादा कॉल फेल हो चुके हैं. मतलब रिलायंस जियो से की गई कॉल दूसरे साझा किए गए नेटवर्क पर नहीं पहुंचता. इसका कारण दूसरी कंपनियों द्वारा सहयोग न करना है.
रिलायंस जियो:  ग्राहक मौज में, विरोधी खौफ में.  लेकिन ज्यादा खुश न हों, पहले इस ‘ट्रायल’ स्कीम के बारे  में समझें. 
(फोटो: द क्विंट)

दूसरी कंपनियां रिलायंस जियो से मतभेद के चलते लिखित में किए गए कॉन्‍ट्रैक्ट के बावजूद सहयोग नहीं कर रही हैं और उनके पास ऐसा करने की वजह भी है. रिलायंस जियो तकरीबन 9 महीने से अपने नेटवर्क को टेस्ट कर रहा है. दूसरी कंपनियों को अलविदा कहकर रिलायंस जियो अपनाने वाले ग्राहकों की संख्या 15 लाख से ज्यादा है. इतनी बड़ी संख्या के चलते ये बिल्कुल भी ट्रॉयल अॉपरेशन नहीं लगता, बल्कि पूरी तरह कमर्शियल अॉपरेशन दिखाई देता है.

क्या मैं अपने चालू नंबर को रिलायंस जियो पर ट्रांसफर कर सकता हूं?

चूंकि रिलायंस जियो अभी कमर्शियल स्तर पर लॉन्‍च नहीं किया गया है, इसलिए आप अभी जियो पर अपना नंबर पोर्ट नहीं करा सकते. लेकिन व्यावसायिक स्तर पर लॉन्‍च होने के बाद आप अपनी सिम रिलायंस जियो पर पोर्ट करवा सकते हैं.

हालांकि मैं व्यक्तिगत तौर पर आपको इसकी मनाही करता हूं, क्योंकि रिलायंस जियो का वॉयस नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर काफी खराब है.

रिलायंस जियो:  ग्राहक मौज में, विरोधी खौफ में.  लेकिन ज्यादा खुश न हों, पहले इस ‘ट्रायल’ स्कीम के बारे  में समझें. 
(फोटो: रॉयटर्स)

भारत में लोग लंबे समय से इस नेटवर्क के जरिए होने वाली ‘डाटा क्रांति’ के इंतजार में हैं.

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