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सिर्फ रेड ही नहीं, ग्रीन और ऑरेंज जोन में भी आरोग्य सेतु ऐप पर जोर

देश को संक्रमण के स्तर के लिहाज से तीन जोन में बांटा गया है

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सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक कंटेनमेंट जोन के भीतर रह रहे सभी लोगों को कांट्रेक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु को डॉउनलोड करना होगा.

राष्ट्रीय निर्देशों में यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को भी यह ऐप डॉउनलोड करनी होगी. इस तरह ऐप का दायरा कंटेनमेंट जोन से भी बढ़ा दिया गया है.

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हालिया निर्देशों के मुताबिक, ‘’देश के सबसे संवेदनशील इलाकों को कोरोना वायरस की रोकथाम के नजरिए से कंटेनमेंट जोन में बांटा गया है. इसमें रेड और ऑरेंज जोन के इलाके पड़ते हैं.’’

इस जोन में देश के 733 जिलों में से 414 जिले आते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने खत में 130 जिलों को रेड जोन और 284 जिलों को ऑरेंज जोन माना है.

मंत्रालय की गाइडलाइन में कंटेनमेंट जोन में आरोग्य सेतु ऐप की 100 फीसदी कवरेज के लिए कहा गया है.

गाइडलाइन में एक तरफ कंटेनमेंट जोन के सभी नागरिकों में आरोग्य सेतु ऐप की 100 फीसदी कवरेज ‘जरूरी तौर पर तय’ करने के लिए कहा गया है. वहीं कोरोना प्रबंधन के लिए दिए गए राष्ट्रीय निर्देशों में ग्रीन जोन में रह रहे नागरिकों से भी इस ऐप को ‘डॉउनलोड करने के लिए’ कहe गया है.

कंटेनमेंट जोन में कांटेक्ट ट्रेसिंग, घरों-घर सर्विलांस, किसी व्यक्ति के प्रति संक्रमण के खतरे के विश्लेषण के लिए सर्विलांस प्रोटोकॉ़ल का कड़ाई से पालन किया जाएगा.

दो अप्रैल को लॉन्च की गई आरोग्य सेतु ऐप को भारत सरकार ने बनाया है, यह एक कांट्रेक्ट ट्रेसिंग टूल है. इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि क्यो कोई शख्स कोरोना संक्रमित से संपर्क में आया है या नहीं.

ऐप की प्राइवेसी और सर्विलांस के लिए बड़े पैमाने पर आलोचना भी हुई है. इसमें ऑडिट और पारदर्शिता की भी कमी की बात लोगों ने कही है.

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