गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद जिले की ढोलका तालुका (Dholka) में एक फार्मा कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के साथ साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) हुआ. उन्होंने लगभग 4 लाख रुपये गंवा दिए हैं. खास बात है कि उन्होंने ना तो किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक किया, ना तो किसी को अपना OTP बताया. लेकिन फिर भी इनके साथ फ्रॉड हो गया है.
53 साल के भूषण राजपूत ने उनके साथ हुए फ्रॉड को लेकर एक FIR दर्ज कराई. FIR में उन्होंने कहा कि, 8 अप्रैल को उन्हें अज्ञात व्यक्ति से मोबाइल फोन पर एक मैसेज मिला. उसमें लिखा था कि उन्हें SBI नेट बैंकिग की ओर से 8,400 रुपये का रिवॉर्ड मिला है और इसे क्लेम करने की डेडलाइन 8 अप्रैल की ही है.
FIR में दर्ज उनकी शिकायत के अनुसार उन्होंने बताया कि, उनके द्वारा किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं किया गया है. लेकिन उसी दिन शाम को 5 बजे उन्हें एक अज्ञात से दूसरा मैसेज आता है, जिसमें उन्हें बताया जाता है कि उनके खाते से 24,500 रुपये डेबिट (निकाल लिए गए) किए गए हैं.
तुरंत ही भूषण राजपूत ने अपनी बैंक के मैनेजर से बात की और उन्हें पूरा मामला बताया. लेकिन मैनेजर ने उन्हें बताया कि उनके खाते से तो कोई लेन-देन हुआ ही नहीं है. हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने बैंक अकाउंट को ब्लॉक करवा दिया.
12 अप्रैल को भूषण एक बार फिर अपडेट लेने के लिए अपने बैंक गए, बैंक वालों ने बताया कि उनके अकाउंट से कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है. इसके बाद उन्होंने अपना अकाउंट अनलॉक किया और देखा कि वाकई कोई लेन-देन नहीं हुआ है. लेकिन उनके होम लोन अकाउंट से 3.95 लाख रुपये डेबिट हो गए थे.
जैसा कि उन्होंने अपनी FIR में बताया कि, उन्होंने किसी लिंक पर क्लिक नहीं किया, ना ही अपनी बैंकिंग डीटेल किसी को दी और ना ही कोई ओटीपी शेयर किया. फिर भी फ्रॉड करने वालों ने उनके खाते से 3.95 लाख रुपये निकाल लिए.
फिलहाल ये नहीं पता चल पाया है कि ये किस तरह का फ्रॉड है, ये फ्रॉड कैसे हुआ है? पुलिस ने IPC और आईटी एक्ट के तहत चीटिंग की शिकायत दर्ज कर ली है.
साइबर फ्रॉड को लेकर क्या कर रही सरकार?
यहां जिस फ्रॉड की बात हुई है उसे फिलहाल OTP फ्रॉड तो नहीं मान सकते लेकिन सरकार असंख्य OTP फ्रॉड को लेकर फिलहाल चिंतित है. क्योंकि ऐसे फ्रॉड तेजी से बढ़े हैं.
इसके लिए गृह मंत्रालय - SBI कार्ड और टेलीकॉम कंपनी के साथ मिलकर कुछ प्रयोग कर रहा है जिससे इन फ्रॉड पर लगाम लगाई जा सके.
हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से कहा कि ऑथेंटिकेशन के लिए केवल OTP पर निर्भर ना रहे. यानी साफ है रिजर्व बैंक ओटीपी के अलावा सुरक्षा की एक और लेयर को जोड़ना चाहता है. वह क्या है इसके बारे RBI ने कुछ नहीं बताया.
कैसे सतर्क रहें, क्या सावधानियां बरतें?
किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक ना करें. किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे शक की निगाह से देखें. फिर वो लिंक आपको SMS, ई मेल या वॉट्सऐप पर आई हो. दरअसल इन लिंक में फ्रॉडक करने वाला ऐसा मालवेयर जोड़ कर भेजता है जिससे आपका खाता खाली हो सकता है.
अपने मोबाइल का सॉफ्टवेय अप-टू-डेट रखें और जो भी आपके पास बैंकिंग ऐप है उसे भी अपडेट करते रहे. ऐसा करने से ऐप और मोबाइल में नए सिक्यॉरिटी अपडेट्स आ जाते हैं.
जो भी बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे परख कर डाउनलोड करें, किसी अज्ञात जगह से डाउनलोड ना करें. प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से ही डाउनलोड करें. ये भी चेक करें कि ऐप असली है या नहीं.
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल कर लें, ताकि सिक्यॉरिटी की दो लेयर हो. केवल पासवर्ड पर ही सारा एक्सेस ना हो, ओटीपी भी इनेबल हो.
अज्ञात कॉल्स को ना उठाएं, अगर उठा रहे हैं तो सुनिश्चित करें और वेरिफाई करें, ताकि पता चले कि जिससे बात कर रहे हैं वो कोई आपका अपना है या फ्रॉड करने वाला.
वाई-फाई कनेक्शन को सुरिक्षित रखें, किसी भी पब्लिक वाई-फाई से जोड़ कर कोई बैंकिंग लेन-देन ना करें.
और आखिर में फ्रॉड को लेकर छप रही खबरें सुनते रहिए, देखते रहिए और पढ़ते रहिए. ताकि आप ये समझ सकें कि जो गलतियां बाकी लोगों ने की वो आप न करें.
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