ADVERTISEMENTREMOVE AD

Breast Cancer को खोज निकालेगी 25 बालों जितनी पतली डिवाइस- जानिए भारत से कनेक्शन

वैज्ञानिकों ने एक ऐसा माइक्रोस्कोप तैयार किया है जिसे शरीर के अंदर छोटे-छोटे भागों के बीच भी ऑपरेट किया जा सकता है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

विज्ञान हर पल कुछ नया खोज लाने का नाम है. जब युवा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के मामले बढ़ रहे हैं- हर 29 में से 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा है- वैज्ञानिकों ने एक ऐसा माइक्रोस्कोप तैयार किया है जिससे ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में तेजी आ सकती है. इस छोटे आकर के माइक्रोस्कोप को सर्जरी के दौरान शरीर के अंदर छोटे-छोटे भागों के बीच भी ऑपरेट किया जा सकता है. आइये आपको बताते हैं कि यह माइक्रोस्कोप खास क्यों है और इसे किसने तैयार किया है.

Breast Cancer को खोज निकालेगी 25 बालों जितनी पतली डिवाइस- जानिए भारत से कनेक्शन

  1. 1. यह एंडो-माइक्रोस्कोप खास क्यों है?

    द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक्सपर्ट्स ने एक एंडो-माइक्रोस्कोप डेवलप किया है जिसका डयामीटर/व्यास 1 मिमी से कम का है- यानी लगभग 25 इंसानी बालों के जितना. इस एंडो-माइक्रोस्कोप को मानव शरीर के अंदर ऊतक/टिशू और अंगों के अंदर तक देख पाने के लिए डिजाइन किया गया है.

    रिपोर्ट के अनुसार इस माइक्रोस्कोप को बनाने वाली एक्सपर्ट्स टीम ने कहा है कि इस डिवाइस ने ऐसी स्पीड से ऊतक/टिशू के अंदर के फोटोज दिए हैं, जैसा इससे पहले आजतक नहीं हुआ.
    Expand
  2. 2. ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी में मदद कैसे मिलेगी?

    यह एंडो-माइक्रोस्कोप ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी में भी मदद करेगा, जहां डॉक्टर जितना संभव हो उतना सामान्य ब्रेस्ट को छोड़ते हुए कैंसर फैले हिस्से को हटा देते हैं. बता दें कि स्ट-कंजर्विंग सर्जरी के माध्यम से इलाज किए गए 20% पेसेंट को अभी वर्तमान में इस तरह के ऑपरेशन की आवश्यकता होती है.

    इन एक्सपर्ट्स का दावा है कि डिवाइस का उपयोग करने से सर्जनों को ट्यूमर के आसपास कैंसर के संदिग्ध टिशू की बहुत जल्दी और सटीक तौर पर पहचान करने में मदद मिलेगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह एंडो-माइक्रोस्कोप एक सेकंड में 120 फ्रेम तक फोटो क्लिक कर लेता है.

    Expand
  3. 3. इस एंडो-माइक्रोस्कोप को किसने डेवलप किया है?

    इस डिवाइस को डॉ खुशी व्यास और इंपीरियल कॉलेज लंदन के उनके सहयोगियों द्वारा विकसित किया जा रहा है. उम्मीद है कि यह एंडो-माइक्रोस्कोप सर्जनों को पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत तेज दर से कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने में मदद करेगा, जिनका आकर एक मिलीमीटर के सौवें हिस्से के बराबर होता है.

    इस एक्सपर्ट टीम का कहना है कि यह एंडो-माइक्रोस्कोप कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए फॉलो-अप ऑपरेशन की आवश्यकता को कम करने में मदद करेगा, जिनका पता पहले के पारंपरिक तरीकों में नहीं लग पाता था.

    Expand
  4. 4. एक्सपर्ट टीम को लीड करने वालीं डॉ खुशी व्यास कौन हैं?

    भारत में जन्मी डॉ खुशी व्यास ने 2008 में अहमदाबाद के निरमा यूनिवर्सिटी से बी.टेक और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) से 2011 में ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंटेशन में M.Sc (Research) की डिग्री पूरी की थी.

    उन्होंने IISc और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी,US में काम करने के बाद 2014 में इम्पीरियल कॉलेज लंदन के हैमलिन सेंटर में मेडिकल रोबोटिक्स और इमेज गाइडेड इंटरवेंशन में मास्टर ऑफ रिसर्च पूरा किया. उन्होंने 2018 में इंपीरियल कॉलेज लंदन के हैमलिन सेंटर से एंडोमाइक्रोस्कोपी इमेजिंग में पीएचडी की है.

    (हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

    Expand

यह एंडो-माइक्रोस्कोप खास क्यों है?

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक्सपर्ट्स ने एक एंडो-माइक्रोस्कोप डेवलप किया है जिसका डयामीटर/व्यास 1 मिमी से कम का है- यानी लगभग 25 इंसानी बालों के जितना. इस एंडो-माइक्रोस्कोप को मानव शरीर के अंदर ऊतक/टिशू और अंगों के अंदर तक देख पाने के लिए डिजाइन किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार इस माइक्रोस्कोप को बनाने वाली एक्सपर्ट्स टीम ने कहा है कि इस डिवाइस ने ऐसी स्पीड से ऊतक/टिशू के अंदर के फोटोज दिए हैं, जैसा इससे पहले आजतक नहीं हुआ.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी में मदद कैसे मिलेगी?

यह एंडो-माइक्रोस्कोप ब्रेस्ट-कंजर्विंग सर्जरी में भी मदद करेगा, जहां डॉक्टर जितना संभव हो उतना सामान्य ब्रेस्ट को छोड़ते हुए कैंसर फैले हिस्से को हटा देते हैं. बता दें कि स्ट-कंजर्विंग सर्जरी के माध्यम से इलाज किए गए 20% पेसेंट को अभी वर्तमान में इस तरह के ऑपरेशन की आवश्यकता होती है.

इन एक्सपर्ट्स का दावा है कि डिवाइस का उपयोग करने से सर्जनों को ट्यूमर के आसपास कैंसर के संदिग्ध टिशू की बहुत जल्दी और सटीक तौर पर पहचान करने में मदद मिलेगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह एंडो-माइक्रोस्कोप एक सेकंड में 120 फ्रेम तक फोटो क्लिक कर लेता है.

0

इस एंडो-माइक्रोस्कोप को किसने डेवलप किया है?

इस डिवाइस को डॉ खुशी व्यास और इंपीरियल कॉलेज लंदन के उनके सहयोगियों द्वारा विकसित किया जा रहा है. उम्मीद है कि यह एंडो-माइक्रोस्कोप सर्जनों को पारंपरिक तरीकों की तुलना में बहुत तेज दर से कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने में मदद करेगा, जिनका आकर एक मिलीमीटर के सौवें हिस्से के बराबर होता है.

इस एक्सपर्ट टीम का कहना है कि यह एंडो-माइक्रोस्कोप कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए फॉलो-अप ऑपरेशन की आवश्यकता को कम करने में मदद करेगा, जिनका पता पहले के पारंपरिक तरीकों में नहीं लग पाता था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक्सपर्ट टीम को लीड करने वालीं डॉ खुशी व्यास कौन हैं?

भारत में जन्मी डॉ खुशी व्यास ने 2008 में अहमदाबाद के निरमा यूनिवर्सिटी से बी.टेक और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) से 2011 में ऑप्टिकल इंस्ट्रूमेंटेशन में M.Sc (Research) की डिग्री पूरी की थी.

उन्होंने IISc और नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी,US में काम करने के बाद 2014 में इम्पीरियल कॉलेज लंदन के हैमलिन सेंटर में मेडिकल रोबोटिक्स और इमेज गाइडेड इंटरवेंशन में मास्टर ऑफ रिसर्च पूरा किया. उन्होंने 2018 में इंपीरियल कॉलेज लंदन के हैमलिन सेंटर से एंडोमाइक्रोस्कोपी इमेजिंग में पीएचडी की है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×