चीन अपनी नेशनल डिजिटल करेंसी विकसित करने पर तेजी से काम कर रहा है. इस नेशनल डिजिटल करेंसी पर पूरा नियंत्रण चीनी सरकार का होगा. खास बात ये है कि चीन की ये नेशनल डिजिटल करेंसी दुनिया की बाकी डिजिटल करेंसी से कई मायनों में अलग होगी. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के सेंट्रल बैंक ने पहले ही डिजिटल करेंसी eCNY की टेस्टिंग 4 शहरों में शुरू कर दी थी. अब इसकी टेस्टिंग बीजिंग, शांघाई जैसे बड़े शहरों में की जाएगी.
दुनिया में कई देशों के केंद्रीय बैंक अपनी डिजिटल करेंसी बनाने पर काम कर रहे हैं. इसकी वजह ये है कि डिजिटल करेंसी से ट्रांजैक्शन तेजी से होते हैं और ये इंटेलिजेंट फाइनेंशियल टूल है जिसका इस्तेमाल आम जनता कर सकती है. भारत समेत कई सारे देशों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाई है. बता दें कि हाल ही में बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है और इसने दुनियाभर के लोगों का ध्यान खींचा है.
बिटकॉइन से उलट है ये डिजिटल करेंसी
बिटकॉइन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये पूरी तरह से विकेंद्रीकृत सिस्टम पर काम करती है. कोई सरकार इसे नियंत्रित नहीं कर सकती है. लेकिन इससे उलट केंद्रीय बैंक जो डिजिटल करेंसी डेवलप कर रहे हैं, उसमें अगर तय तारीख तक करेंसी का इस्तेमाल नहीं किया जाता तो करेंसी लेप्स कर जाती है. साथ थी सरकार को इसका रिकॉर्ड रखना भी आसान होता है ताकि टैक्स इवेजन को रोका जा सके. इसके अलावा इससे जुड़े डेटा पर भी सारा नियंत्रण सरकार का ही होता है.
दुनिया के कई देश डिजिटल करेंसी पर कर रहे काम
बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुताबिक पिछले एक साल में करीब 60 देशों ने नेशनल डिजिटल करेंसी पर प्रयोग किए हैं. इस मामले में अमेरिका दूसरे देशों के मुकाबले पीछे है और वो इस पर अभी सिर्फ बेसिक रिसर्च कर रहा है.
'चीनी इकनॉमी को इंटेलिजेंट बनाएगी डिजिटल करेंसी'
सेंटर ऑन इकनॉमिक एंड फाइनेंशियल पावर की फेलो याया फनूसी का कहना है कि-
'ये सिर्फ करेंसी नहीं है. ये डेटा इकट्ठा करने का एक नया टूल है. इससे जो डेटा इकट्ठा होगा वो चीनी इकनॉमी को और इंटेलिजेंट बनाएगा.'
चीनी सरकार ने अभी आधिकारिक रूप से नहीं बताया है कि वो eCNY को राष्ट्रीय स्तर पर कब लॉन्च करेंगे. कुछ आधिकारियों ने कहा है कि 2022 ओलंपिक्स में विदेशी सैलानियों के लिए ये तैयार हो सकती है. चीनी सेंट्रल बैंक की मैग्जीन चायना फाइनेंस में लिखा गया कि 'डिजिटल करेंसी को जारी करने और नियंत्रित करने के अधिकार को लेकर असल लड़ाई होगी. डिजिटल करेंसी जारी करने से चीन को बहुत फायदा होगा.'
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने न्यूयॉर्क टाइम्स के सवालों का जवाब नहीं दिया.
2014 से डिजिटल करेंसी डेवलप कर रहा चीन
चीन ने साल 2014 से ही डिजिटल करेंसी पर काम करना शुरू कर दिया था. तब चीन के पीपल्स बैंक ने एक इंटरनल ग्रुप बनाया था जिसको डिजिटल करेंसी पर काम करने के लिए कहा गया था. इसके बाद बिटकॉइन ने दुनियाभर में लोगों का ध्यान खींचा. साल 2016 में चीनी सेंट्रल बैंक ने करेंसी इंस्टीट्यूट नाम से एक विभाग खोला. पिछले साल eCNY के ट्रायल 4 शहरों में शुरू किए गए.
कैसे शुरू हुआ ट्रायल?
वी चैट जैसे दूसरे एप्स पर लॉटरी के जरिए लोगों को ट्रायल के लिए बुलाया गया. इस एप पर एक लिंक भेजा गया जिस पर क्लिक करने पर 200 इलेक्ट्रॉनिक युआन मिलते थे. इसे इस्तेमाल करने के लिए यूजर eCNY एप का इस्तेमाल कर सकते हैं और रिटेलर के QR कोड पर स्कैन करके पे कर सकते हैं.
कैसे काम करेगी चीनी नेशनल डिजिटल करेंसी?
पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के अधिकारियों ने बताया है कि eCNY में बिटकॉइन से कुछ टेक्नीकल चीजों को लिया गया है. लेकिन eCNY ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम नहीं करती है. eCNY डिजिटल करेंसी में एक तय वक्त तक ही करेंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं नहीं तो ये लेप्स हो जाती है. यूजर्स का कहना है कि इसका इस्तेमाल बाकी चीनी डिजिटल पेमेंट जैसा ही है. लोगों को इस पर स्विच करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी और आसानी से राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकेगा.
कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि चीन की नेशनल डिजिटल करेंसी आने के बाद युआन को डॉलर को टक्कर देने में आसानी होगी. ऐसा इसलिए होगा कि डिजिटल करेंसी इंटरनेशनल बाजार में तेजी से काम कर पाएगी. लेकिन चीनी अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने में अभी काफी बदलाव करने होंगे.
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