ADVERTISEMENTREMOVE AD

कैसे होती है Crypto Currency की चोरी, कैसे रखें खुद को सुरक्षित

डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म Wormhole से हैकर्स ने हाल ही में उड़ा डाले 332 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

एक डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) चोरी करने का मामला सामने आया है. वॉर्महोल (Wormhole) ने बुधवार को ट्वीट किया कि उसके पास से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) के एक वर्जन की 1,20,000 यूनिट का “उपयोग” कर लिया गया है. ये 332 मिलियन डॉलर के क्रिप्टो थे. वॉर्महोल एक ऐसी साइट है जो एक क्रिप्टो नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क को इन्फोर्मेशन ट्रांसफर करने की अनुमति देती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सवाल है कि क्रिप्टोकरेंसी की चोरी आखिर होती कैसे है और आप इस चोरी का शिकार बनने से खुद को कैसे बचा सकते हैं?

क्रिप्टोकरेंसी की चोरी होती कैसे है?

दुनियाभर में खासकर महामारी के दौरान क्रिप्टो की चोरी के मामले बहुत बढ़ें हैं. क्रिप्टो की चोरी दो तरीके से की जा सकती है. एक तो सीधे तौर पर क्रिप्टो चुराए जा सकते हैं इसके अलावा लोगों के साथ कोई ट्रिक करके भी सेंध मारी जा सकती है.

क्रिप्टो में निवेश करने वाले करने वाले ज्यादातर निवेशक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर ट्रेड करते हैं. यहां एक अकाउंट खोलना होता है और उसमें पैसा जमा करना होता है. आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी को "कस्टोडियल वॉलेट" में रखा जाता है. आसान शब्दों में कहें तो निवेशक की ओर से एक्सचेंज ही उन क्रिप्टो को अपने पास जमा करता है.

0

सीएनबीसी के अनुसार, हाल ही में एक बिटमार्ट नामक एक्सचेंज को हैक कर लिया गया था. तब 4 दिसंबर को एक्सचेंज ने घोषणा की कि उसने "एक बड़े पैमाने पर सुरक्षा उल्लंघन की पहचान की" जिसके परिणामस्वरूप 'हॉट' वॉलेट से 150 मिलियन डालर के क्रिप्टो की चोरी हुई थी.

सीएनबीसी के अनुसार, बिटमार्ट ने दिसंबर में अस्थायी रूप से क्रिप्टो की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी और अब भी उसके ग्राहक अपनी क्रिप्टोकुरंसी तक पहुंचने में असमर्थ थे. वहीं रिपोर्ट में लिखा गया कि बिटमार्ट हैक होने वाला पहला एक्सचेंज नहीं है और यह आखिरी भी नहीं होगा.

इसके अलावा फ्रॉड करने वाला ई-मेल के जरिए भी आपकी क्रिप्टोकरंसी तक पहुंच सकता है. कई बार बम्पर ईनाम और कैश प्राइज के लालच में लोग अपनी पर्सनल लॉग इन डीटेल दे देते हैं जिसके जरिए फ्रॉड करने वालों को उनके क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंच मिल जाती है और वो चोरी को अंजाम देते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इन चोरी निवेश खुद को कैसे बचा सकता है?

निवेशक खुद को एक्सचेंज पर हो रही चोरी से खुद को बचा सकते हैं. जैसा कि आपको बताया गया कि आपके क्रिप्टो का वॉलेट एक्सचेंज के पास होता है तो आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को एक्सचेंज से एक सॉफ्टवेयर वॉलेट में डाल सकते हैं, यह सॉफ्टवेयर कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर इंस्टॉल किया गया एक सुरक्षित एप्लिकेशन होता है.

दूसरा उपाय है कि एक्सचेंज से निकाल कर आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी को हार्डवेयर वॉलेट में भी डाल सकते हैं. यह वॉलेट एक हार्डवेयर डिवाइस होगा जो कि इंटरनेट से डिस्कनेक्ट किया जा सकता है. अगर इसे कंप्यूटर और इंटरने से डिसकनेक्ट कर दें तो कोई इसे इंटरनेट के जरिए तो नहीं चुरा पाएगा. लेकिन आपको इस डिवाइस का ख्याल रखना होगा अगर ये चोरी हो गया तो भी आपके क्रिप्टो किसी और के पास पहुंच सकते हैं.

फिलहाल भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कमाए गए प्रॉफिट को टैक्स के दायरे में लाया गया है लेकिन अभी इस पर भारत में कोई कानून नहीं बना है यानी क्रिप्टो से जुड़ा कोई फ्रॉड होता है तो इसको लेकर देश में कोई कानून नहीं. हालांकि सरकार जल्द ही इसपर बिल पेश करने वाली है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×