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FaceApp से निजता को खतरा? प्राइवेसी पर App के CEO का क्या है कहना

इस ऐप चैलेंज के तहत लोग अपने बूढ़े होने की तस्वीरें डाल रहे हैं

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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक नया चैलेंज ट्रेंड कर रहा है, जिसका नाम है FaceAppChallenge. इस ऐप चैलेंज के तहत लोग अपने बूढ़े होने की तस्वीरें डाल रहे हैं. यहां तक कि बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट स्टार भी सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं कि वो 50 साल बाद कैसे दिखेंगे.

जो स्टार खुद अपनी तस्वीरें शेयर नहीं कर रहे हैं, उनके लिए ये काम उनके फैंस कर रहे हैं. लेकिन इस ऐप को लेकर प्राइवेसी के सवाल भी खड़े हो गए हैं.

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ऐसे वक्त में जब Facial recognition systems सवालों के घेरे में हैं, तो फेस एडिटिंग ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर आशंकाएं बढ़ने लगी हैं. जिस तरह से यह ऐप हमारे चेहरे की तस्वीर को स्टोर, प्रोसेस और शेयर करता है और इससे जुड़े डेटा जेनरेट करता है, उसने प्राइवेसी से जुड़े मुद्दे उठाने शुरू कर दिए हैं.

द क्विंट ने FaceApp की प्राइवेसी पॉलिसी और ऐप के इस्तेमाल की शर्तों को खंगाला और पाया कि जिस तरह से यह ऐप हमारी ब्राउजिंग हिस्ट्री कलेक्ट कर रहा है, वह चिंता का विषय हो सकता है.

हालांकि FaceApp फाउंडर और सीईओ यारोस्लाव गोंचारोव ने द क्विंट को दिए जवाब में कहा है कि यह ऐप यूजर डेटा न तो बेचता है और न ही किसी थर्ड पार्टी के साथ शेयर करता है. गोंचारोव ने कहा कि अगर कोई यूजर हमारे सर्वर से अपना डेटा हटाना चाहता है, तो हम डेटा हटा देते हैं.

फेस ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं वे दो तरह के हैं:

  1. लाखों फेस इमेज इकट्ठे करके फेस ऐप क्या कर रहा है?
  2. दूसरे डेटा के साथ फेस ऐप क्या कर रहा है- इनमें से ज्यादातर को निजी तौर पर पहचाना जा सकता है?

इनका जवाब जानने के लिए इस ऐप के इस्तेमाल की शर्तों और प्राइवेसी पॉलिसी एक नजर डालना होगा. साथ ही गोंचारोव जो कह रहे हैं वे इन नियमों और पॉलिसी से मेल खाते हैं या नहीं यह भी देखना होगा.

फेसऐप चलाने के लिए ये हैं शर्तें

वैसे तो फेसऐप का कहना है कि यूजर का डेटा सुरक्षित है और वो यूजर के डेटा पर किसी भी तरह का मालिकाना हक नहीं रखता यानी कि वो इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता. लेकिन ऐसा लगता तो नहीं है. फेसऐप की शर्तों में सेक्शन 5 के मुताबिक यूजर फेसऐप को कई तरह के अधिकार दे रहा है, जिससे वो इन तस्वीरों का इस्तेमाल कर सकता है, बिना यूजर को पैसे दिए.

इन शर्तों में 2 अहम बातें लिखी हैं:

  • पहला कि आप फेसऐप को अपने कंटेंट का इस्तेमाल करने के लिए रजामंदी दे रहे हैं. इसमें आपकी तस्वीर, आवाज, वीडियो, पसंद ये सब वो कभी भी इस्तेमाल कर सकता है जो कि इस बात के लिए काफी है कि किसी की पहचान और प्राइवेसी को खतरा हो.
  • दूसरा ये कि आप जब शर्तों के लिए रजामंदी दे रहे हैं, तो आपका कंटेंट कमर्शियल कामों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

फाउंडर और सीईओ गोंचारोव का क्या कहना है

शर्तों के विपरीत बात करते हुए सीईओ ने दावा किया है कि वो कोई भी डेटा तीसरी पार्टी को नहीं बेचते हैं. साथ ही ये भी कहा कि उनके पास ऐसा कोई भी डेटा नहीं है जो किसी शख्स की पहचान का पता लगा सके.

‘‘सभी फेसऐप फीचर बिना लॉग इन किए खुलते हैं और इस वजह से करीब 99 फीसदी यूजर लॉग ही नहीं करते. इसलिए हमारे पास किसी भी यूजर का डेटा नहीं है.’’
यूरोस्लेव गोंचारोव, फाउंडर और सीईओ फेसएप

इससे हमारे मन में एक सवाल आया कि क्या सच में फेसऐप यूजर की पहचान के साथ कोई गड़बड़ तो नहीं कर रहा:

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जरा अब फेसऐप की प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में बात करते हैं

फेसऐप के सेक्शन 3 में कहा जाता है कि आपकी मर्जी के बगैर कोई भी जानकारी तीसरी पार्टी को बेची या रेंट पर नहीं दी जाएगी. लेकिन इसके उलट इसी सेक्शन में ये भी दर्ज है कि

‘‘हम आपकी जानकारी कुकी, लॉग फाइल्स, लोकेशन डेटा, यूजर डेटा और आपके मोबाइल के डिवाइस आईडी से इकट्ठा कर रहे हैं ताकि आपको बेहतर सर्विस दी जा सके.’’

और यही वो बात है जिसके लिए सिक्योरिटी रिसर्चर एलियट एल्डरसन ने हमें बताया, ‘अगर आप किसी ऐप पर अपनी तस्वीर डाल रहे हैं तो आपको इस बात से सतर्क रहना चाहिए कि कंपनी आपके डेटा का कैसे इस्तेमाल करेगी.’’

क्लाउड में अपलोड और प्रोसेस होती है तस्वीरें

फेसऐप की प्राइवेसी पॉलिसी सेक्शन 4 के मुताबिक में इस बात का साफ तौर पर जिक्र नहीं किया गया है कि तस्वीरें क्लाउड में प्रोसेस होती हैं न कि मोबाइल में.

हालांकि‍ क्विंट से बात करते हुए फेसऐप के सीईओ ने बताया, ''फेसऐप पर तस्वीरों की प्रोसेसिंग ज्यादातर क्लाउड में होती है. हम सिर्फ यूजर के अपलोड किए गए फोटो को एडिटिंग के लिए चुनते हैं. हम फोन में से दूसरी तस्वीरों को क्लाउड में ट्रांसफर नहीं करते हैं.''

ऐसा एक वायरल ट्वीट में ये दावा किया गया कि फेसऐप के पास आपके फोन में सभी तस्वीरों तक की पहुंच है. इस बात का खंडन करते हुए गोचांरोव ने कहा:

‘’ये सच नहीं है हम सिर्फ वही फोटो लेते हैं जो अपलोड की जाती है. हमारे सर्वर में से ज्यादातर तस्वीरें 48 घंटों के अंदर ही डिलीट भी हो जाती है.’’

तो अब हमें क्या करना चाहिए?

वैसे ये बात भी है कि फेसऐप की शर्तें बाकी के ऐप जैसी हैं, जो हम इंस्टॉल करते हैं. स्नैपचैट में भी ऐसे ही फीचर हैं लेकिन उसकी तरफ लोगों का इतना ध्यान नहीं गया.

कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है. जैसे कुछ ऐप होते हैं, जो आपके कॉन्टैक्ट, कैमरा, लोकेशन और कॉल लॉग के एक्सेस के लिए आपसे पूछते हैं. वहां आपके पास ऑप्शन होता है कि आप उसे एक्सेस दें या न दें. और ये ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप उसे एक्सेस न ही दें, क्योंकि आपकी निजता का सवाल है.

खैर, फेसऐप चाहे काफी मजेदार हो, पर ये भी ध्यान रहे कि 'फ्री' ऐप वाकई फ्री नहीं होते. चाहे वो फेसबुक हो, स्नैपचैट हो या फिर फेसऐप, ये सब हमारे डेटा का रेवेन्यू सोर्स की तरह इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इन सबकी कीमत आपकी प्राइवेसी है.

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