सूर्य, जिसकी सतह का तापमान करीब 5000 डिग्री सेल्सियस होता है, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वहां एक अंतरिक्षयान भेज दिया है. नासा ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल वायुसेना अड्डे से छोटी कार के आकार के अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष यान 'पार्कर सोलर प्रोब' को रविवार को लॉन्च कर दिया.
नासा ने शुक्रवार से ही 150 करोड़ डॉलर के इस अंतरिक्ष यान को लॉन्च करने के लिए उल्टी गिनती शुरू कर दी थी. शनिवार को ये मिशन लॉन्च होने वाला था, लेकिन तकनीकी खामी के चलते इसे रविवार को लॉन्च किया गया. ये ऐसा पहला स्पेसक्राफ्ट है, जो किसी तारे के इतने करीब से गुजरेगा. ये मिशन सूर्य के करीब जाकर खोजबीन करेगा.
नासा ने ट्वीट किया, "3-2-1.. और हमने पार्कर लॉन्च कर दिया."
‘पार्कर सोलर प्रोब’ खोज का मुख्य लक्ष्य सूर्य की बाहरी परत कोरोना के रहस्यों को जानना है. कोरोना सूर्य के सतह के तापमान से 300 गुना गरम होता है. इसी हिस्से में प्लाजमा और बाकी के एनर्जी पार्टिकल्स होते हैं. ये पार्टिकल्स धरती की पावर ग्रिड को प्रभावित कर सकते हैं.
पार्कर सोलर प्रोब से हमें सोलर विंड क्लाउड से होने वाले डिस्टर्बेंस के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. हम इसके उत्पन्न होने का अनुमान लगा सकेंगे.जस्टिन कास्पर, प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक
पार्कर सोलर प्रोब 7 साल के अपने मिशन के दौरान सूर्य के 24 चक्कर काटेगा . इस मानवरहित अंतरिक्षयान में लगे उपकरण सूर्य में मौजूद हाई एनर्जी पार्टिकल्स और उसके मैग्नेटिक फील्ड में आने वाले बदलाव के बारे में जानकारी इकट्ठा करेंगे. इसी प्रोजेक्ट से जुड़े एक और वैज्ञानिक का कहना है कि सूर्य रहस्यों से भरा पड़ा है.
बनेंगे ये रिकॉर्ड
'पार्कर सोलर प्रोब' अंतरिक्ष में गोलाकार कक्षा से जाते हुए सात लाख किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक जाएगा. ये रफ्तार अंतरिक्ष यान के इतिहास में सबसे ज्यादा है. सूर्य की परिक्रमाएं करने के दौरान वह सूर्य की सतह से महज 38 लाख मील दूरी तक पहुंच जाएगा, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. हालांकि इस अंतरिक्ष यान के सूर्य से सबसे नजदीक पहुंचने की सबसे बड़ी चुनौती इसे जलने से बचाने की होगी.
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