अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA 2030 तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) को एक कमर्शियल स्टेशन के साथ बदलने जा रही है. इसी उद्देश्य के साथ नासा ने स्पेस स्टेशनों और अन्य “कमर्शियल डेस्टिनेशन” के डिजाइन विकसित करने के लिए तीन अमेरिकी कंपनियों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और उनको 400 मिलियन डॉलर से अधिक का अवार्ड दिया है.
ये प्रस्ताव सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों से इतर मनुष्यों को अंतरिक्ष में रहने और रिसर्च के लिए आगे बढ़ने का पहला प्रयास हैं. जानतें हैं कि कमर्शियल स्पेस स्टेशन डेवलप करने के लिए NASA के इस कॉन्ट्रैक्ट में क्या है, कमर्शियल स्पेस स्टेशन में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग क्या होगा.
कमर्शियल स्पेस स्टेशन के लिए NASA के कॉन्ट्रैक्ट में क्या है?
प्राइवेट स्पेस स्टेशनों को विकसित करने के लिए NASA ने तीन कंपनियों को समझौतों में 415.6 मिलियन डॉलर का अवार्ड दिया है. इस प्रोग्राम का आधिकारिक नाम कमर्शियल लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) डेस्टिनेशन प्रोग्राम है. इन तीन कंपनियों का नाम हैं-
Nanoracks को $160 मिलियन
Blue Origin को $130 मिलियन
Northrop Grumman को $125.6 मिलियन
NASA का कहना है कि वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की जगह नए प्लेटफार्मों को खड़ा करके पृथ्वी की निचली कक्षा (लो-अर्थ ऑर्बिट) में अमेरिका की बिना रुके उपस्थिति बनाए रखना चाहता है. 415.6 मिलियन डॉलर के ये अवार्ड “अमेरिकी निजी क्षेत्र को कमर्शियल , स्वतंत्र अंतरिक्ष स्टेशनों के विकास को प्रोत्साहित करेंगे जो सरकारी और निजी क्षेत्र के ग्राहकों दोनों के लिए उपलब्ध होंगे.”
तीनों कंपनियों ने पहले ही अपने प्रस्तावों के बारे में कुछ डिटेल जारी कर दिया है.
Blue Origin ने अपने स्टेशन कॉन्सेप्ट को "Orbital Reef" दिया है और वो इसे बोइंग, सिएरा स्पेस और दूसरों के साथ डिजाइन कर रहा है. ब्लू ओरिजिन टीम ने कहा कि वो 2027 में स्टेशन लॉन्च करना चाहती है.
Nanoracks अपने स्टेशन को "Starlab" बुला रहा है, जिसे इसकी मूल कंपनी वोयाजर स्पेस और एयरोस्पेस प्राइम लॉकहीड मार्टिन के साथ विकसित किया जा रहा है.
Northrop Grumman ने अपने स्टेशन के प्रस्ताव को अबतक कोई आकर्षक नाम नहीं दिया. यह डायनेटिक्स के साथ अपने सिग्नस अंतरिक्ष यान के आधार पर एक मॉड्यूलर डिजाइन देने के लिए काम कर रहा है.
प्राइवेट स्पेस स्टेशनों को क्यों विकसित कर रहा NASA ?
NASA की तरफ से 415.6 मिलियन डॉलर का अवार्ड दो चरण की प्रक्रिया का पहला चरण हैं. NASA यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के रिटायर होने और एक नए स्टेशन की शुरूआत के बीच कोई गैप नहीं हो.
वर्तमान में पृथ्वी की निचली कक्षा (पृथ्वी की सतह से 2,000 किमी से नीचे) में दो स्पेस स्टेशन हैं और दोनों सरकारी स्पेस एजेंसियों से संबंधित हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन नवंबर 2000 से आमतौर पर सात क्रू मेंबर के साथ चालू हालत में है. जबकि दूसरी तरफ चीन की स्पेस एजेंसी का स्पेस स्टेशन Tiangong का पहला मॉड्यूल अप्रैल 2021 में लॉन्च किया गया था.
NASA के लिए परेशानी यह है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) लगभग 30 वर्षों तक पृथ्वी की निचली कक्षा में रहने के बाद, दशक के अंत (2030) में रिटायर होने वाला है. ISS शीत युद्ध के दौर के "अंतरिक्ष दौड़" प्रतिद्वंद्विता के बाद अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रतीक रहा है और सही मायने में पहला दीर्घकालिक अंतरिक्ष निवास स्थान है.
NASA के पहले के प्रयासों से यह अलग कैसे ?
इससे पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से एक निजी मॉड्यूल को जोड़ने के लिए फरवरी 2020 में नासा ने Axiom Space स्टार्ट-अप को $ 140 मिलियन का कॉन्ट्रैक्ट दिया था. Axiom ने घोषणा की है कि 71 वर्षीय फ्रेंच डिजाइनर फिलिप स्टार्क एक शानदार इंटीरियर डिजाइन करेंगे.
पहला मॉड्यूल 2024 या 2025 में ISS को दिया जाना है. ISS जब 2030 के आसपास रिटायर हो जायेंगे तब Axiom के ये मॉड्यूल एक फ्री-फ्लाइंग स्टेशन बन जाएंगे.
लेकिन अब नासा ISS को फ्री-फ़्लाइंग स्पेस स्टेशन से रीप्लेस करने की योजना बना रहा है. अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि निजी स्पेस स्टेशन पिछली पीढ़ियों के स्पेस स्टेशनों की तुलना में अधिक रहने योग्य होंगे या नहीं. आमतौर पर पुराने स्पेस स्टेशनों को क्रू मेंबर्स की आराम की बजाय इंजीनियरिंग बाधाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)