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इन तरीकों से गूगल और फेसबुक को ‘जासूसी’ से रोकिए

अगर आप चाहते हैं कि फेसबुक-गूगल आपकी पर्सनल लाइफ में दखलंदाजी न करें तो इन कुछ तरीको से आप इन्हें रोक सकते हैं.

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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

गूगल और फेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियां हैं. इन कंपनियों ने इंटरनेट को बनाने में अहम भूमिका अदा की है. लेकिन आज वही इंटरनेट इन दो कंपनियों का एक ऐसा साइड दिखा रहा है जिसमें ये दो कंपनियां यूजर्स के डेटा इस्तेमाल करती हैं और बिना इजाज़त के यूजर्स को ट्रैक करती हैं.

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पहले भी ऐसी रिपोर्ट्स मिल चुकी हैं, जहां इन कंपनियों को आलोचना का सामना करना पड़ा है कि ये अपने यूजर्स का डेटा और पर्सनल एक्टिविटी को ट्रैक करती हैं. लेकिन अबतक इस थ्योरी को कोई प्रूफ नहीं कर पाया है. तो अगर देखा जाए तो कंपनियां आपको ट्रैक जरूर करती हैं लेकिन आप उन्हें इसके लिए इजाज़त भी देते हैं.

एक तरीका है जिससे आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि गूगल और फेसबुक आपको ट्रैक न करें. इससे आपका इंटरनेट/फेसबुक ब्राउजिंग एक्सपीरिएंस कॉम्प्रोमाइज जरूर होगा लेकिन ये सुनिश्चित होगा कि वो आपको ट्रैक न करें.तो अगर आप चाहते हैं कि फेसबुक और गूगल आपकी पर्सनल लाइफ में दखलंदाजी न करें तो ये हैं कुछ तरीके जिससे आप इन कंपनियों को रोक सकते हैं.

लोकेशन ट्रैकिंग डिसेबल करें

जब भी आप कोई फेसबुक और गूगल अकाउंट बनाते हैं तो बहुत लोगों को नहीं पता होता है कि आप उन्हें अपनी लोकेशन ट्रैक करने की इजाज़त दे रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि ये आपको ट्रैक न करें तो आप अपने फेसबुक अकाउंट की सेटिंग में जाएं और लोकेशन ऑफ करें.

साथ ही आप ये भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके फोन में जो बाकी ऐप्स हैं वो आपको लोकेशन के द्वारा ट्रैक न करें. फोन की सेटिंग में जाकर आप इसे डिएक्टिवेट कर सकते हैं. ये आप ही के लिए अच्छा होगा की ऐसे ऐप्स को अपने लोकेशन का एक्सेस न दें.

गूगल को अपने लोकेशन ट्रैक करने से रोकने के लिए आपको वेब यूआरएल में myactivity. google.com पर जाना होगा. ये सुनिश्चित करें कि आप अपने गूगल अकाउंट में लॉग्ड इन हो.

इसके बाद आपको नीचे एक्टिविटीज कंट्रोल दिखेगा जहां पर आपको उस ऑप्शन को बन्द करना है.

ऑप्शन्स जैसे वेब ऐप एक्टिविटी और लोकेशन हिस्ट्री को अगर आप बन्द करें तो गूगल आपका कोई डाटा स्टोर नहीं कर पाएगा.

ये बात आप नोट करें कि इन सर्विसेज और फीचर्स को डिएक्टिवेट कर के आप गूगल को रोक रहें है कि वो आपको बेहतर एड और सर्विसेज न दे पाए.

माइक्रोफोन एक्सेस को डिसेबल करें

कभी - कभी आपको ऐसा लगता होगा कि गूगल और फेसबुक आपको फोन के माइक से चुपके - चुपके सुन रहे हैं. बहुत से लोगों का मानना है कि गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां माइक के जरिए आपकी जासूसी करती हैं. लेकिन अबतक इसे भी कोई प्रूफ नहीं कर पाया है.

जब मार्क जुकरबर्ग से सवाल किया गया कि क्या फेसबुक ऐसा करती है? तो उन्होंने इस बात से मना कर दिया. लेकिन जब आप आज किसी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं तो बेहतर है आप मामले को खुद अपने हाथों में ले.

इसके लिए फोन सेटिंग में प्राइवेसी में जाए और फिर परमिशन मैनेजर में जाकर माइक्रोफोन सेलेक्ट करें.

इसके बाद आपको उन सारे ऐप्स को देखना होगा जो माइक्रोफोन एक्सेस करते हैं. खासकर गूगल और फेसबुक ऐप्स जैसे गूगल होम,मैप्स, क्रोम, इंस्टाग्राम और मैसेंजर. ऐसा करने से आप गूगल के सर्विसेज जैसे गूगल स्ट्रिंग, वॉइस नोट, फेसबुक के सर्विसेज इंस्टाग्राम और मैसेंजर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे लेकिन इस बात की एश्योरिटी होगी कि ये ऐप आपको नहीं सुन पाएंगे.

व्यक्तिगत विज्ञापनों को डिसेबल करें

दोनों गूगल और फेसबुक आपकी एक एडवरटाइजिंग प्रोफ़ाइल बनाते हैं जिससे वो आपको बेहतर ऐड प्रेजेंट कर सके. लेकिन ये कंपनियां ऐसा तभी कर पाती हैं जब ये आपकी एक्टिविटीज को ट्रैक करें और रेलेवेंट एड दिखाए. ये कंपनीज ऐसा कहती हैं कि इससे उन्हें बेहतर एड और सर्विस देने की क्षमता बढ़ जाती है लेकिन इसके लिए आपकी प्राइवेसी कॉम्प्रोमाइज होती है.

गूगल पर पर्सनलाइज एड को डिसेबल करने के लिए आप इस लिंक पर जाकर https://adssettings.google.com/authenticated एड पर्सनलाइजेशन को डिसेबल करना जरूरी है. ये आपको वेब ब्राउज़र में करना आसान होगा.

दूसरी बात कि फेसबुक न केवल ऑनलाइन फेसबुक एक्टिविटी को ट्रैक करता है जबकि उन वेबसाइट को भी ट्रैक करता है जो कि आप थर्ड पार्टी वेबसाइट को भी एक्सेस करते हैं.

फेसबुक का ऑफ एक्टिविटी टूल आपको एक ऑप्शन देता है जिससे आप उस सारे डेटा को डिलीट या डाउनलोड कर के अपने पास सेव करे सकते हैं. तो अगर आपको ये डर है कि फेसबुक के पास आपका सारा डेटा मौजूद है तो उसको आप डाउनलोड भी कर सकते है और डिलीट भी कर सकते हैं.

ये करने के लिए आपको फेसबुक के सेटिंग और फिर प्राइवेसी में जाकर सेटिंग्स पर क्लिक करना होगा.

फेसबुक इंफॉर्मेशन पेज पर जाकर ऑफ फेसबुक एक्टिविटी को रिव्यू करने की जरूरत है. इसके अलावा आप फेसबुक के टारगेटेड एड फीचर को भी डिसेबल कर सकते हैं.

फेसबुक की सेटिंग में जाकर>ऐड्स>ऐड्स सेटिंग में आपको ये ऑप्शन मिलेगा.

इसके बाद आपको ऐड प्रेफरेंस>ऐड सेटिंग में जाकर नॉट अलाउड ऑप्शन को एक्टिवेट करना है ताकि फेसबुक आपके पार्टनर या कोई भी ट्रैकिंग वेबसाइट को नहीं ट्रैक कर सके.

इन सभी नियमों को बताने का एक ही मकसद है कि आप सुनिश्चित कर पाए कि फेसबुक और गूगल आपके किसी भी डेटा को ट्रैक न कर पाए. इन फीचर्स को डिसेबल करने का नुकसान ये है कि आप फेसबुक और गूगल इस्तमाल करेंगे तो आपका एक्सपीरिएंस पहले की तरह स्मूथ नहीं होगा. अगर आपको लगता है कि ये एक छोटी कीमत है आपकी प्राइवेसी के लिए तो आप इन फीचर्स का इस्तेमाल कर के गूगल और फेसबुक की अपने प्राइवेट डेटा का एक्सेस करने से रोक सकते है.

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