ऐप बेस्ड कैब सर्विस देने वाली कंपनी उबर की सर्विसेज आप भी इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए. उबर कंपनी ने खुद बताया है कि उसके प्लेटफॉर्म से जुड़े 5.7 करोड़ यूजर्स और ड्राइवरों का पर्सनल डेटा हैकर्स ने चोरी है. एक साल तक इस बात को छिपा कर रखा गया. उबर ने हैकर्स को डेटा खत्म करने के लिए एक लाख डॉलर का पेमेंट भी किया है.
कंपनी ने नहीं दी यूजर्स को समय पर जानकारी
आप सोच सकते हैं कि उबर कैब सर्विस के लिए आप कैसे-कैसे पर्सनल डेटा एप्लिकेशन को मुहैया कराते हैं. अब वो सारे डेटा हैकर्स के पास हैं. कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर दारा खोसरोवशही ने एक बयान में कहा, ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए था और मैं इसके लिए कोई बहाने नहीं बनाउंगा.
खोसरोवशही के मुताबिक उबर इंफॉर्मेशन प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट के दो मेंबर्स को तत्काल प्रभाव से कंपनी से निकाल दिया है. इन दोनों ने समय पर यूजर्स को जानकारी नहीं दी कि उनका डेटा चुराया गया है.
कंपनी का क्या कहना है?
कंपनी के सीईओ ने बताया कि हाल ही में केवल इतना पता चला है कि किसी बाहरी शख्स ने कंपनी के इस्तेमाल किए जाने वाले क्लाउड सर्वर की सुरक्षा में सेंध लगाकर बड़ी संख्या में डेटा डाउनलोड कर लिया है. उबर के मुताबिक चुराई गई सूचना में यूजर्स के नाम, ईमेल पते, मोबाइल नंबर और करीब 6,00,000 ड्राइवरों के नाम और उनके लाइसेंस नंबर चोरी किए गए हैं.
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि हैकरों से डाटा नष्ट कराने के लिए उबर ने एक लाख डॉलर (6478500.77 रुपये) का भुगतान किया है. ड्राइवर्स और यूजर्स को नहीं बताया गया कि उनका पर्सनल डेटा चोरी है.
बता दें कि देश में ओला और उबर जैसी कैब सर्विसेज काफी पसंद की जाती हैं. छोटे शहरों से लेकर महानगरों तक ऐसी कंपनियों की सर्विसेज का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है.
(इनपुट-भाषा)
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