वीडियो ए़डिटर: कुनाल मैहरा
परिवहन की दुनिया में एक इतिहास बनाते हुए, वर्जिन हाइपरलूप ने पहली बार हाइपरलूप पॉड में मानव यात्रा का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. हाइपर लूप में यात्रा करने वाले पहले भारतीय तनय मांजरेकर से क्विंट ने खास बातचीत की.
हमारा लक्ष्य ये है कि हम इस प्वाइंट पर लोगों को ले आए जिसप उन्हें सोचना न पड़े कि हम हाइपरलूप ले रहे हैं.तनय मांजरेकर, हाइपर लूप टेस्टिंग में सफर करने वाले पहले भारतीय
अपने सफर के बारे में बात करते हुए वो बताते हैं कि गजब की ही फिलिंग थी. 5 सालों से इस कंपनी में काम कर रहा हूं. हाइपरलूप का सपना जब मैं भारत में था, तब से था. सफर के दौरान सारी यादें सामने आ रही थीं कि हमने इसपर काम किया था. ये काम किया था.
हाइपरलूप पॉड की यात्रा जिस गति से की गई, वो परीक्षण के दौरान लगभग 160 किमी प्रति घंटा थी, लेकिन इसका लक्ष्य इन वायुहीन ट्यूबों के माध्यम से 1,223 किमी प्रति घंटे की गति से मानव यात्रा करना है.
वर्जिन हाइपरलूप की स्थापना 2014 में टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क के फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विजन को बनाने के लिए की गई थी.
हाइपरलूप सिस्टम कैसे करता है काम
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