भारत की सरकार ने 19 मई को इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्स्एप को कहा है कि वो अपनी विवादित नई प्राइवेसी को वापस ले. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने व्हाट्सएप को इसके लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर कंपनी की तरफ से संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं आता है तो कानून के तहत जरूरी कदम उठाते हुए कार्रवाई की जाएगी.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने इस बात की तरफ इशारा किया है कि कैसे व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी नीति भारतीय नियम कानूनों का उल्लंघन है. ANI को मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि अगर मैसेजिंग कंपनी कदम नहीं उठाती है तो भारत सरकार कानून के दायरे में तमाम कदम उठाने पर विचार करेगी.
'भारतीय और यूरोपीय यूजर में भेदभाव'
अधिकारी का कहना है कि- 'आपको इस बात में कोई संदेह नहीं होगा कि रोजमर्रा के जीवन में कई सारे लोग व्हाट्सएप पर निर्भर हैं. ये सिर्फ और सिर्फ दिक्कत वाली बात नहीं है बल्कि कंपनी का गैरजिम्मेदाराना रवैया है. व्हाट्सएप अपनी स्थिति का फायदा उठाकर गलत शर्तों को भारतीय यूजर्स पर थोप रहा है. कंपनी भारतीय यूजर्स और यूरोपीय यूजर्स के बीच भेदभाव कर रही है.'
लेटर में इस बात पर जोर दिया गया है कि व्हाट्सएप कैसे भारतीय यूजर्स और यूरोपीय यूजर्स के बीच भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है. यूरोप में जैसे व्हाट्सएप ने विकल्प दिया है कि वहां के यूजर चाहें को पॉलिसी को मंजूरी दें, चाहें तो ना दें.
इसके पहले व्हाट्सएप ने दावा किया था कि उसने अपनी नई नीति को 15 मई तक के लिए आगे बढ़ा दिया है.
WhatsApp डाउनलोड में 40% की गिरावट
ऐप एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर के आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच WhatsApp के ऐप इंस्टॉल में करीब 40 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. क्योंकि कई यूजर्स ने Telegram और Signal जैसे ऐप को डाउनलोड किया है, ऐसे में इनके डाउनलोड में इजाफा हुआ है.
एंड्रॉयड और iOS दोनों तरह के डिवाइसेज में पिछले साल के मुकाबले इस साल जनवरी-अप्रैल के बीच Telegram का इंस्टॉल 98% बढ़ा है. वहीं, प्राइवेसी-फोकस्ड एफ सिग्नल की बात करें तो फर्स्ट टाइम एप डाउनलोड इस ऐप के लिए पिछले साल के मुकाबले 1,200% तक बढ़ गया है. साफ है कि हाल-फिलहाल में लोगों ने तेजी से सिग्नल को डाउनलोड किया है.
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