दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले मैसेजिंग ऐप्स में से एक WhatsApp फिलहाल अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर चर्चा में है. जिसके तहत वो अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ लोगों का डेटा शेयर करेगा. जिसका लोग काफी ज्यादा विरोध कर रहे हैं. अब इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि वॉट्सऐप को लोगों का डेटा शेयर नहीं करने दिया जाना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 5 जनवर को वॉट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव का ऐलान किया. जिसके बाद से ही करोड़ों यूजर्स के ऐप पर एक नोटिफिकेशन शो हो रहा है, जिसमें प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट करने को कहा जा रहा है. इसमें तमाम तरह की जानकारी दी गई हैं कि वॉट्सऐप आपके डेटा का इस्तेमाल किनके साथ शेयर करने जा रहा है और कौन सा डेटा शेयर किया जाएगा. फिलहाल इस नोटिफिकेशन में नॉट नाउ का ऑप्शन आ रहा है, लेकिन 8 फरवरी के बाद ये विकल्प बंद हो जाएगा और अगर आप इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो आपको वॉट्सऐप छोड़ना होगा.
वॉट्सऐप की सफाई
तमाम आलोचनाओं के बाद इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने अपनी विवादित पॉलिसी को लेकर सफाई भी दी है. जिसमें उसने कहा है कि वो अफवाहों से निपटना चाहता है, और यह दोहराता है कि वो “एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ आपके प्राइवेट मैसेज की सुरक्षा जारी रखेगा.’’ लोगों के बीच डर के माहौल पर वॉट्सऐप ने कहा कि वो आपके पर्सनल मैसेजेस को नहीं देख सकता है और न ही आपकी कॉल्स को सुन सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)