दुनियाभर में मशहूर मैसजिंग ऐप वॉट्सऐप ने अब अपनी विवादित प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने की डेडलाइन खत्म कर दी है. कंपनी की तरफ से बताया गया है कि अगर कोई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो भी उसका अकाउंट सस्पेंड नहीं होगा. इससे पहले इसे लेकर खूब विवाद हुआ था और वॉट्सऐप ने 9 फरवरी की जगह पॉलिसी को लागू करने के लिए 15 मई की डेडलाइन तय की थी.
वॉट्सऐप ने यूजर्स को दी थी डेडलाइन
वॉट्सऐप की इस प्राइवेसी को लेकर भारत में खूब सवाल उठे थे. लोगों ने कहा था कि वॉट्सऐप अपने फायदे के लिए उनका पर्सनल डेटा लेने की बात कर रहा है.
दरअसल वॉट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर खुलासा किया और बताया कि वो इसमें कुछ बदलाव करने जा रहा है. साथ ही ये भी बताया कि यूजर्स को इसे स्वीकार करना अनिवार्य होगा. जो यूजर इसे तय डेडलाइन तक स्वीकार नहीं करता है, वो वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.
क्या है प्राइवेसी पॉलिसी?
वॉट्सऐप की इस प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूजर्स को लगातार एक नोटिफिकेशन फ्लैश किया जा रहा था. जिसमें बताया गया था कि अगर आप इन्हें स्वीकार नहीं करते हैं तो ऐप को नहीं चला पाएंगे. इसमें लिखा था कि हमारी सर्विसेज को ऑपरेट करने के लिए आप वॉट्सऐप को जो कंटेंट आप अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, उनको यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले करने के लिए दुनियाभर में, नॉन-एक्सक्लूसिव, रॉयल्टी फ्री, सब्लिसेंसेबल और ट्रांसफरेबल लाइसेंस देते हैं. साथ ही लिखा है कि इस लाइसेंस में आपके द्वारा दिए गए अधिकार हमारी सेवाओं के संचालन और उपलब्ध कराने के सीमित उद्देश्य के लिए हैं.
वॉट्सऐप ने दी थी सफाई
जब इस प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ा तो वॉट्ऐप ने सफाई जारी की. जिसमें बताया गया कि, वॉट्सऐप इस बात के लॉग्स नहीं रखता कि कौन मैसेजिंग और कॉलिंग कर रहा है और वॉट्सऐप फेसबुक के साथ आपके कॉन्टैक्ट शेयर नहीं करता. वॉट्सऐप ने बताया कि उसकी मूल कंपनी फेसबुक भी यूजर्स के मैसेज नहीं पढ़ सकती है और न ही उनके कॉल या वीडियो कॉल सुन सकती है.
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