उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी में इस्तीफों का सिलसिला जारी है. बीजेपी विधायक विनय शाक्य ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. शाक्य ने कहा कि, "स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित पीड़ितों की आवाज हैं और वो हमारे नेता हैं और मैं उनके साथ हूं."
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को लिखे अपने इस्तीफे पत्र में शाक्य ने बीजेपी पर दलितों और पिछड़ों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया. विधायक ने लिखा, "बीजेपी की प्रदेश सरकार द्वारा अपने पूरे 5 वर्षों के कार्यकाल के दौरान में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और न उन्हें उचित सम्मान दिया गया."
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले भारतीय जनता पार्टी में इस्तीफे का जो सिलसिला चला है, वह थमने का नाम नहीं ले रहा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद के साथ कई विधायक फिर वन मंत्री दारा सिंह चैहान आज शिकोहाबाद से बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है.
शिकोहाबाद के विधायक ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चैहान समेत अन्य विधायकों की तरह अपने पत्र में लिखा है कि बीजेपी सरकार में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को तवज्जों नहीं दी गई.
इसके पहले इन विधायकों ने पहले छोड़ी पार्टी:
1. राधा कृष्ण शर्मा, विधायक
2. राकेश राठौर, विधायक
3. माधुरी वर्मा, विधायक
4. जय चैबे, विधायक
5. स्वामी प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री
6. भगवती सागर, विधायक
7. बृजेश प्रजापति, विधायक
8. रोशन लाल वर्मा, विधायक
9. अवतार सिंह भड़ाना, विधायक
10. दारा सिंह चैहान, कैबिनेट मंत्री
11. मुकेश वर्मा, विधायक
12. विनय शाक्य, विधायक
13. बाला प्रसाद अवस्थी
14. धर्म सिंह सैनी
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