ADVERTISEMENTREMOVE AD

सिराथू में पल्लवी पटेल ने कैसे भेदा डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य का चक्रव्यूह?

जातीय समीकरणों की वजह से ये सीट शुरुआत से ही बीजेपी के लिए फंसी हुई नजर आ रही थी.

छोटा
मध्यम
बड़ा

आखिरकार अपना दल (कमेरावादी) की प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने सिराथू का किला भेद दिया और वहां के प्रत्याशी और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या(Keshav Prasad Maurya) को शिकस्त दे दी. लेकिन आपको बताते चलते हैं कि यह जीत इतनी आसान नहीं थी. पहली बार चुनावी मैदान में उतरी पल्लवी पटेल के सामने थे सिराथू के लाल केशव प्रसाद मौर्य जो दो बार यहां से चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो जातीय समीकरण की वजह से यह सीट शुरुआत से ही बीजेपी के लिए फंसी हुई नजर आ रही थी. यह सीट दलित बाहुल्य है और यहां करीब 1.20 लाख दलित वोटर हैं. इसके बाद करीब 55 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. करीब 35 हजार पटेल, 28 हजार मौर्य, 25 हजार ब्राह्मण, 25 हजार यादव, 28 हजार वैश्य और बाकी अन्य जातियां हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुखर वक्ता मानी जाने वाली पल्लवी पटेल ने अपने धारदार चुनावी भाषणों और आक्रामक चुनावी प्रचार से शुरुआती संकेत दे दिए कि उन्हें हारा हुआ मान लेना बहुत बड़ी भूल होगी. जब पैरों के नीचे की जमीन गर्म हुई तो केशव प्रसाद मौर्या ने पल्लवी पटेल की छोटी बहन और सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल के साथ सिराथू में चुनावी रोड शो किया ताकि चुनावी बिसात पर जातीय समीकरण की गोटियां सेट हो जाए. उधर मायावती ने सिराथू में पहले से घोषित ब्राह्मण कैंडिडेट हटाकर एक मुस्लिम चेहरा खड़ा कर दिया. तब लोगों का कहना था कि यह ऐन मौके पर बदलाव बीजेपी के इशारे पर हुआ है.

चुनाव के नजदीक आते-आते सिराथू का माहौल और गर्म हो गया. पल्लवी पटेल ने सीधा आरोप लगाया कि केशव प्रसाद मौर्य के इशारे पर स्थानीय प्रशासन उनको परेशान कर रहा है और उनके चुनावी अभियान में खलल डाला जा रहा है. बहरहाल मतदान किसी तरीके से शांतिपूर्वक संपन्न हुआ लेकिन मतगणना वाला दिन सिराथू रण बन गया. शुरुआती रुझानों में कड़ी टक्कर देती नजर आ रही पल्लवी पटेल ने अंत तक अपनी बढ़त बनाए रखी और इसका सीधा असर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर देखने को मिला जो आक्रोशित और उग्र हो गए.

इधर केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ में बाकी बीजेपी नेताओं के साथ जीत का जश्न मना रहे थे उधर उनकी कर्मभूमि उनके हाथ से फिसलती हुई नजर आ रही थी. शाम होते होते जैसे-जैसे स्थिति और साफ हुई, माहौल और बिगड़ता रहा. सिराथू से बीजेपी नेताओं के तांडव की तस्वीरें आने लगी वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि पल्लवी पटेल जीत चुकी हैं लेकिन उनको सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है.

कुछ देर तक मतगणना भी बाधित रही लेकिन अंततः रात में 10 बजे के आसपास चुनाव आयोग ने पल्लवी पटेल को विजेता घोषित किया. तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए पल्लवी पटेल ने विपक्ष पर कोई तीखा हमला करने से बचते हुए बस इतना कहा "अंत भला तो सब भला"

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×