ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP-SP-BSP एक-दूसरे को बता रहीं गुंडा पार्टी? आंकडे़ दोनों की कर रहे चुगली

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में लगभग हर दूसरी सीट पर 3 से ज्यादा उम्मीदवार दागी थे.

छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव है. पार्टियों ने उम्मीदवारों का ऐलान करना शुरू कर दिया. लेकिन इस बीच चर्चा दागी उम्मीदवारों की भी होने लगी है. बीजेपी राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा कि एसपी गुंडों, दंगाईयों को टिकट देकर गुंडा और दंगाराज कि वापसी कराना चाहती है. अनुराग ठाकुर ने कहा था कि एसपी में वो जाते हैं जो दंगा करते हैं. बीजेपी में वो आते हैं जो दंगा रोकते हैं. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी पीछे नहीं हैं. उन्होंने कहा था कि बीजेपी सबसे बड़ी गुंडा पार्टी है. मतलब साफ है. बीजेपी और एसपी बताना चाहती हैं कि किसकी कमीज ज्यादा सफेद है. इसका पता लगाने के लिए दोनों पार्टियों के कुछ पुराने रिकॉर्ड खंगालते हैं. तब तस्वीर साफ हो जाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

साल 2017 में बीजेपी-एसपी में सबसे ज्यादा किसके दागी उम्मीदवार?

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में टक्कर बीजेपी और एसपी की दिख रही है. ऐसे में दागी उम्मीदवारों के सच का पता लगाने के लिए इन पार्टियों का साल 2017 के उम्मीदवारों के रिकॉर्ड को खंगालना जरूरी है. साल 2017 में सबसे ज्यादा बीएसपी ने दागी उम्मीदवार उतारे थे. उनके 400 में से 150 पर क्रिमिनल केस दर्ज था. दूसरे नंबर पर बीजेपी थी. उन्होंने 383 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 137 पर केस दर्ज था. अब एसपी के भी आंकड़े जान लीजिए. एसपी के 307 में से 113 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस था. आरएलडी के 276 में से 56, कांग्रेस के 114 में से 36 और 1453 निर्दलीय में से 150 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस थे.

सीरियस क्रिमिनल केस वालों का भी आंकड़ा जान लेते हैं. इस कैटेगरी में वे आते हैं, जिन्होंने 5 साल या उससे ज्यादा सजा वाले अपराध किए हो. गैर जमानती अपराध-सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले अपराध भी इस कैटेगरी में आते हैं.

साल 2017 में बीएसपी के सबसे ज्यादा सीरियस क्रिमिनल वाले उम्मीदवार थे. उनकी संख्या 400 में से 123 थी. बीजेपी के 383 में से 100 पर सीरियस केस थे. एसपी के 307 में से 88, आरएलडी के 276 में से 48 और कांग्रेस के 114 में से 25 पर सीरियस क्रिमिनल केस दर्ज थे.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

साल 2017 में लगभर हर दूसरी सीट पर 3 क्रिमिनल केस वाले उम्मीदवार

साल 2017 में कुल 4853 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 4823 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया. पता चला कि 859 के ऊपर क्रिमिनल केस दर्ज थे. ये कुल उम्मीदवारों के करीब 18 प्रतिशत हैं. 15 प्रतिशत के ऊपर तो ऐसे थे जिनपर सीरियस क्रिमिनल केस दर्ज थे. इतना ही नहीं. क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवार पार्टियों के लिए कितने खास होते हैं, उसे एक और आंकड़े से समझते हैं.

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में संवेदनशील निर्वाचित क्षेत्रों की पहचान की गई. ये ऐसे क्षेत्र थे जहां पर 3 या 3 से अधिक ऐसे उम्मीदवार थे, जिनके ऊपर क्रिमिनल केस दर्ज थे. रिपोर्ट में ऐसी 152 (38%) सीटें सामने आई. यानी चुनाव में लगभग आधी या कहें हर दूसरी सीट पर तीन या उससे ज्यादा क्रिमिनल केस वाले उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बीजेपी और एसपी में सबसे ज्यादा किसके दागी उम्मीदवार विधायक बने?

चुनाव के नतीजे सामने आए और पता चला कि 140 ऐसे उम्मीदवार विधायक बन गए, जिनपर क्रिमिनल केस दर्ज थे. ये कुल विधायकों के करीब 35 प्रतिशत थे. वहीं सीरियस क्रिमिनल केस वाले विधायकों की बात करें तो इनकी संख्या 106 थी. ये कुल विधानसभा के 27 प्रतिशत थे

7 विधायक तो मर्डर चार्ज वाले थे. 36 विधायकों पर हत्या की कोशिश करने का केस दर्ज था. अब बात कर लेते हैं पार्टियों के हिसाब से विधायकों की. बीजेपी के 304 में से 106 (35%) ऐसे विधायक चुने गए, जिनपर क्रिमिनल केस दर्ज थे. एसपी के 49 में से 18 विधायक (37%), बीएसपी के 16 में से 5 (31%) और कांग्रेस के 7 में से 1 विधायक पर क्रिमिनल केस दर्ज था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विधायक बनने के बाद मंत्री बनने का नंबर आता है. साल 2017 में चुनाव के नतीजों के बाद 20 ऐसे विधायकों को मंत्री बनाया गया, जिनपर क्रिमिनल केस थे. ये संख्या 45 प्रतिशत थी. यानी करीब आधी कैबिनेट में दागी छवि वाले मंत्री मौजूद थे. अब उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से चुनाव हो रहा है. पार्टियां भले ही एक दूसरे पर दागी उम्मीदवारों को टिकट देने का आरोप लगाए. गुंडा पार्टी या गुंडाराज की बात करें. लेकिन आंकड़े खुद ब खुद सच्चाई बयां कर रहे हैं. हमाम में सब नंगे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×