उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh) में 20 फरवरी (रविवार) को तीसरे फेज की वोटिंग होनी है. तीसरे फेज में कई चर्चित सीटें हैं जिनपर सबकी नजर रहेगी. फिर चाहे वो अखिलेश की करहल सीट हो, चाचा शिवपाल की जसवंत नगर, सतीश महाना की महाराजपुर या फिर वो कल्याणपुर सीट जहां से कांग्रेस ने विकास दुबे एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की रिश्तेदार को टिकट दिया है. एक नजर डालते हैं उन सभी सात सीटों पर जिन्हें तीसरे चरण की हॉट सीट्स भी कहा जा रहा है.
1. करहल सीट : अखिलेश के सामने मंत्री एसपी सिंह
तीसरे चरण में मैनपुरी की करहल सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है. यहां से एसपी चीफ अखिलेश यादव मैदान में हैं. उनके खिलाफ बीजेपी के टिकट पर केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल हैं, जिन्होंने हाल के दिनों में आरोप लगाया था कि एसपी कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले पर हमला किया. करहल यादव बाहुल्य सीट है. बीजेपी यहीं पर अखिलेश को घेरने की कोशिश में है. यही वजह है कि इस चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने अपनी पहली रैली करहल में की और बेटे अखिलेश के लिए वोट मांगा.
2. जसवंत नगर सीट : 1996 से विधायक हैं शिवपाल
तीसरे फेज में यादव बेल्ट की बात करें तो जसवंत नगर की सीट भी आती है. यहां से अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल मैदान में हैं. ये उनकी पारंपरिक सीट मानी जाती है. 1996 से लेकर अब तक शिवपाल यहां से विधायक हैं. उनके सामने बीजेपी ने विवेक शाक्य को मैदान में उतारा है. हालांकि राजनीतिक गलियारों में शर्त लगाई जा रही है कि अखिलेश और
शिवपाल में से ज्यादा वोटों के अंतर से कौन जीतेगा.
3. महाराजपुर: कैबिनेट मंत्री सतीश महाना की सीट
कानपुर की महाराजपुर सीट से कैबिनेट मंत्री सतीश महाना मैदान में हैं. लगातार सात बार से विधायक हैं. 5 बार मुस्लिम बाहुल्य कैंट सीट और 2 बार महाराजपुर से विधायक हैं. उनके सामने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कनिष्क पांडेय हैं.
4. कन्नौज सदर : दलित वोट साधने की कोशिश में पूर्व IPS असीम
इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार असीम अरुण काफी चर्चा में रहे हैं. असीम अरुण IPS अधिकारी रहे हैं. लेकिन रिटायरमेंट से पहले ही नौकरी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए. दो से तीन दिन बाद ही पार्टी ने टिकट दे दिया. दरअसर, असीम अरुण के जरिए बीजेपी दलित वोटर को साधना चाहती है. बेबी रानी मौर्य और असीम अरुण दो चेहरे हैं, जिनको मैदान में उतार पार्टी ने एससी वोटर को लुभाने की कोशिश की है. असीम अरुण का मुकाबला लगातार तीन बार से एसपी विधायक रहे अनिल दोहरे से है.
5. फर्रुखाबाद : सलमान खुर्शीद की पत्नी मैदान में
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं. साल 2002 में लुईस फर्रुखाबाद की कायमगंज सीट से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन 2007 में चुनाव हार गई थीं. 2012 में उन्होंने अपनी सीट बदल ली और फर्रुखाबाद सदर पहुंच गईं. लेकिन सीट बदलने का भी फायदा नहीं मिला. अबकी बार फिर से किस्मत आजमा रही हैं. उनके सामने बीजेपी के मौजूदा विधायक सुनील द्विवेदी हैं. एसपी के सुमन मौर्य भी मैदान में हैं.
6. सादाबाद: ब्राह्मण वोट साधने की जुगत में सभी पार्टियां
सादाबाद सीट काफी चर्चा में हैं. वजह है कि यहां से बीएसपी के बड़े नेता रहे और ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले रामवीर उपाध्याय बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं. उनका मुकाबला एसपी-आरएलडी गठबंधन के उम्मीदवार प्रदीप चौधरी से है. बीएसपी ने अनिव शर्मा को मैदान में उतारा है.
7. कल्याणपुर सीट : विकास दुबे से कांग्रेस प्रत्याशी का कनेक्शन
कल्याणपुर सीट तब चर्चा में आई थी, जब कांग्रेस ने यहां से खुशी दुबे की बहन को टिकट दिया था. खुशी दुबे विकास दुबे के साथ एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी हैं. विकास दुबे एनकाउंटर के बाद कयास लगाए गए कि ब्राह्मणों में बीजेपी सरकार के प्रति नाराजगी है. वहीं बीएसपी भी लगातार आरोप लगाती रही है कि खुशी दुबे को ब्राह्मण होने की वजह से जेल में डाला गया है. यहां से बीजेपी उम्मीदवार योगी सरकार की राज्य मंत्री नीलिमा कटियार है. एसपी ने पूर्व विधायक सतीश निगम को उतारा है.
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