BJP ने गुरुवार, 20 जनवरी को उत्तराखंड (Uttarakhand) में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 59 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए पहली ही लिस्ट में 10 विधायकों के टिकट काट दिए हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी ने सर्वे कराए थे जिनमें ये विधायक अपने अपने क्षेत्रों में फिसड्डी साबित हुए थे. लेकिन जरा सीटों को करीब से देखें तो कारण स्पष्ट नजर आते हैं.
किन विधायकों का कटा टिकट और क्यों?
यमकेश्वर
बीजेपी नेतृत्व ने पूर्व सीएम जनरल बीसी खंडूरी की बेटी और यमकेश्वर से विधायक ऋतु खंडूरी का टिकट काट दिया है. रेनू बिष्ट को बीजेपी ने यमकेश्वर में उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की बेटी का टिकट कटने पर विधानसभा क्षेत्र के वोटर उमेश सिंह का कहना है कि मैडम ने क्षेत्र में अपने विधायक प्रतिनिधि बनाये हुए हैं जो जनता की समस्याओं को दूर नहीं कर पाये. तीन साल पहले द्रारीखाल विकासखंड पुलयासू में सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई थी लेकिन लोक निर्माण विभाग ने एक किलोमीटर सडक काटकर इतिश्री कर दी जब जनता ने इस बाबत प्रार्थना की तो विधायिका ने फोन तक नहीं उठाया.
थराली
सुरक्षित सीट से विधायक मुन्नी देवी का टिकट काटकर भोपाल राम टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है. चमोली की तीसरी विधानसभा थराली से मुन्नी देवी शाह का टिकट काटा गया है. मुन्नी देवी शाह को थोड़ा कच्चा कहा जा रहा था लिहाजा यहां पर कांग्रेस के प्रबल दावेदार प्रोफेसर जीतराम टम्टा को बीजेपी वॉकओवर देना नहीं चाहती
बीजेपी ने हमें बहुत सम्मान दिया है. मैं पार्टी के विरूद्ध चुनाव नहीं लड़ना चाहूंगी, पार्टी ने मौका दिया मैं अपने को जनता के बीच व पार्टी फोरम में सिद्ध नहीं कर सकी. हम पार्टी के साथ रहेंगे.थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह
कर्णप्रयाग
विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी का टिकट काटकर अनिल नौटियाल को टिकट दिया गया है. सीमांत जनपद चमोली की कर्णप्रयाग सीट पर बीजेपी ने अपने विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी का टिकट काटा है. वे लम्बे समय से बीमार हैं और उनके ऊपर ठेकेदारी का लेबल भी लगा हुआ है. हालांकि सुरेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि टिकट कटने के पीछे सिर्फ सेहत है.
पौड़ी
मुकेश कोली का टिकट काटकर राज कुमार पोरी को टिकट दिया गया है. गंगोलीहाट सुरक्षित सीट से मीना गंगोला का टिकट काटकर फकीर राम टम्टा को टिकट दिया गया है. मुकेश कोहली का भारी विरोध हो रहा था. वे मंडल को देहरादून से पौड़ी लाने में असफल रहे तथा निर्माणाधीन पौड़ी बस अड्डा भी पिछले सात सालों से बजट की बांट देख रहा है.
बीजेपी ने खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का टिकट भी काट दिया है और उनकी पत्नी कुंवरानी देवयानी को खानपुर से उम्मीदवार बनाया है. गंगोलीहाट और कपकोट विधायकों का टिकट भी आलाकमान ने काट दिया है.
हरक सिंह रावत की सीट पर शहीद बिपिन रावत के भाई?
कोटद्वार
पौड़ी गढ़वाल की कोटद्वार सीट पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के निष्कासित होने पर इस पर दावेदारों की संख्या बहुत अधिक है. इस सीट पर यदि पार्टी देश के पहले सीडीएस शरीब बिपिन रावत के भाई पर दांव खेलने में सफल होती है तो यह सीट बीजेपी की झोली में आ सकती है. यदि पार्टी ने इस सीट पर अन्य को मौका दिया तो यह सीट कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी की पक्की मानी जा रही है.
कपकोट
विधायक और पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल का टिकट काटकर सुरेश गरिया को टिकट दिया है. द्वाराहाट से विधायक महेश नेगी का टिकट काट दिया गया है और अनिल साही को मौका दिया गया है.
अल्मोड़ा
विधायक और डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान का टिकट काट दिया गया है और कैलाश शर्मा को टिकट दिया गया है.
काशीपुर
विधायक हरभजन सिंह चीमा का टिकट काटकर उनके बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिया गया है.
पुरोला में उलटफेर करते हुए कांग्रेस छोड़कर गए राजकुमार को टिकट न देकर टिकट बंटवारे के दिन बीजेपी में घर वापसी करने वाले दुर्गेश्वर लाल को टिकट दे दिया है. वहीं गंगोत्री से पूर्व विधायक दिवंगत गोपाल रावत की पत्नी की बजाय सुरेश चौहान को टिकट दिया है. बीजेपी में शामिल हुए निर्दलीय विधायक रहे प्रीतम सिंह पंवार को धनौल्टी से बीजेपी ने मैदान में उतारा है.
चकराता
इस बार मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान को एक परिवार एक टिकट के तहत टिकट न देकर गायक जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल को टिकट दिया गया है.
देहरादून कैंट
दिवंगत हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया गया है. भीमताल से बीजेपी ने निर्दलीय विधायक रहे राम सिंह कैड़ा को टिकट दिया है.
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