ADVERTISEMENTREMOVE AD

कोरोना ने कैसे घर उजाड़े, इस बच्चे के आंसुओं में देखिए

कोरोना के कारण उठा माता पिता का साया, टूटा क्रिकेटर बनने का सपना

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

पंद्रह वर्षीय आर्यन कांडेकर अपनी दादी शशिकला के साथ महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड जिले में रहता है. उसने जनवरी 2021 में High Blood Pressure और चिकित्सा लापरवाही के बाद अपनी मां मीना को दिल का दौरा पड़ने से खोया और उसके पांच महीने बाद कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अपने पिता संजय को खो दिया.

COVID-19 महामारी ने आर्यन बचपन के कई साल चुरा लिए हैं. वह अब अपना पसंदीदा खेल खेलना, अपनी पसंदीदा फिल्में देखना या अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलना नहीं चाहता.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्विंट ने आर्यन और उसकी दादी से इस बारे में विस्तार से बात की कि कैसे परिवार के सदस्यों के नुकसान ने उनके वर्तमान और भविष्य को प्रभावित किया है.

लॉकडाउन के कारण आर्यन के माता-पिता घर लौटने को मजबूर हुए

आर्यन के माता-पिता मीना और संजय उन लाखों प्रवासी कामगारों में से थे, जो मार्च 2020 में पहले कोरोना वायरस लॉकडाउन की घोषणा के बाद पैदल, साइकिल चलाकर, बसों और ट्रेनों से किसी भी तरह घर पहुंचने को मजबूर हुए थे.

लेकिन जब उन्होंने मुंबई से बीड के लिए अपने घर की यात्रा शुरू की, तो उन्होंने आर्यन को उसके नाना की देखरेख में इस उम्मीद में छोड़ दिया कि वह अपनी पढ़ाई जारी रखेगा. इसके बाद आर्यन अपने माता-पिता से कभी नहीं मिले.

"एक दिन मुझे पता चला कि मेरी मां को दिल का दौरा पड़ा है और मेरे पिता को कोरोना वायरस हो गया है. मैं अपने पिता से COVID-19 के कारण नहीं मिल सका. पिछली बार जब मैंने उनसे बात की थी तो मैं एक वीडियो कॉल पर था. मेरी मां की मौत हाई ब्लड-प्रेशर से हुई थी."
आर्यन कांडेकर
0

आर्यन का कहना है कि उन्होंने आखिरी बार अपने पिता को वीडियो कॉल पर देखा था. जब हमने पूछा कि उनकी क्या बातचीत हुई, तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने अपने पिता से उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा, लेकिन ऑक्सीजन मास्क लगे होने के कारण पापा जवाब नहीं दे सके.

'मुझे मम्मी-पापा की याद आती है'

आर्यन और उनकी दादी शशिकला बीड में किराए के मकान में रहते हैं. उस घर की हर चीज आर्यन को उसके माता-पिता की याद दिलाती है. जैसे ही हम खाने के लिए बैठे, आर्यन ने हमें बताया कि उनकी मां ने दुनिया की सबसे अच्छी भिंडी की सब्जी बनाई. उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे वे तीनों एक साथ डिनर करने बैठते थे.

"मुझे अपनी मां की पकाई गई भिंडी और मेथी बहुत पसंद थी. अब मुझे वो खाना खाने को नहीं मिलता."
आर्यन कांडेकर
ADVERTISEMENTREMOVE AD

"पापा मुझे सावधान करते थे. उन्होंने मुझसे कहा था कि घर से बाहर न निकलो और बाहर खाना मत खाओ. मैंने उनसे कहा कि हम बाहर नहीं जाते हैं. जब भी मैंने उनसे पूछा कि क्या वह ठीक हैं, तो उन्होंने हां कहा.

जब आर्यन से हमने पूछा कि क्या उनको पता था कि उनको पिता को कोरोना कैसे हुआ, तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे नहीं पता कि कैसे वो कोरोना वायरस का शिकार हो गए.

पीछे छूटा बचपन

अपने सपनों और महत्वाकांक्षाओं के बारे में बात करते हुए आर्यन ने हमें बताया कि वह एक क्रिकेटर बनना चाहता था, लेकिन अब केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता है और एक बैंक में जॉब करना चाहता है.

"मैं एक क्रिकेटर बनना चाहता था. मैं एमएस धोनी का बड़ा फैन हूं. लेकिन मेरे माता-पिता की मृत्यु के बाद मेरा क्रिकेट खेलने का मन नहीं है. मैं बस अपनी उच्च शिक्षा पूरी करना चाहता हूं और एक बैंक में नौकरी करना चाहता हूं."
आर्यन कांडेकर
ADVERTISEMENTREMOVE AD

राज्य सरकार COVID अनाथों की मदद कर रही है, लेकिन सच्चाई अलग

जहां महाराष्ट्र सरकार ने आर्यन जैसे बच्चों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है, नाबालिगों को 21 साल की उम्र के बाद ही पैसा दिया जाएगा. लेकिन आर्यन को अभी मदद की जरूरत है.

"मुझे नहीं पता कि मेरी दादी को मिलने वाली पेंशन से हम अपनी उच्च शिक्षा का खर्च उठा पाएंगे या नहीं, मुझे नहीं पता कि यह पर्याप्त होगा. मुझे डर है कि कहीं मुझे स्कूल न छोड़ना पड़े."
आर्यन कांडेकर

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×