बिहार (Bihar) में जहरीली शराब के सेवन से अब तक 40 लोगों की मौत हो गई है. गोपालगंज, बेतिया समेत अन्य जगहों पर मौत की घटनाएं हो चुकी हैं. मरने वालों में से एक जवान, तो दूसरा बीएसएफ का जवान भी था.
इसके बाद से सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष के निशाने पर है. वहीं बीजेपी ने इस प्रकरण की जांच करने को कहा है. यह 40 मौतें पिछले चार दिनों में हुई है.
गोपालगंज में जहरीली शराब का शिकार हुए मृतक संतोष की मां अपने बेटे के कारण परेशान थीं, उन्होंने बताया कि उनका बेटा रोज शराब पीता था. वो कहती हैं, "चुनाव का वक्त है, मैं क्या बता सकती हूं कि वो कहां से शराब लाते थे".
गोपालगंज में अब तक 20 लोगों की जान गई है, तो वहीं कई लोगों ने बताया है कि जहरीली शराब के सेवन से उनकी आंखों की रोशनी चली गई.
बेतिया में जहरीली शराब की वजह से 15 लोगों की जान जा चुकी है. कई लोग अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं. समस्तीपुर के यदुवंश राय ने बताया कि दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनको शराब के सेवन के बाद दिखाई नहीं दे रहा था और कमजोरी आ गई थी. इसके बाद से वो अस्पताल में हैं.
बेतिया में कुल 10 लोगों की मौत हुई है. संभावना है की जहरीली शराब के सेवन से ही इनकी मौत हुई है. अभी पोस्टमॉर्टम और एक और रिपोर्ट आना बाकी है जिसके बाद यह निश्चित हो जाएगा कि मौत की वजह क्या है.
गांव के लोग पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि शराब माफियाओं के साथ उनकी साठगांठ है, पुलिस पैसे लेकर अवैध शराब बिकवाती है.
यहां पर शराब माफियाओं के साथ में यहां के प्रशासनिक लोगों का हाथ हैं. शराब प्रतिबंधित है, अगर प्रशासन ने समय रहते छापे मारे होते, गिफ्तारियां की होतीं, तो शायद कई लोग बच जाते. प्रशासन जवाब दें.अमरजीत सहनी, बेतिया
इस प्रकरण के बाद गोपालगंज और बेतिया थाने के थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित कर दिया है.
बिहार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा, "हम पुलिस को कहां-कहां भेजेंगे, जिसके घर शराब का सेवन हो रहा है वो शिकायत करें". वहीं बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा, "जहां शराब चल रही है, वहां ये गड़बड़ होती रहती है"
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