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रेप का सामना करने वाली 8 महीने की छुटकी को आप सबकी मदद चाहिए

मां-बाप चाहते हैं लौट आए पहले वाली ‘छुटकी’

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वीडियो एडिटर- पुनीत भाटिया

कैमरा- अभय शर्मा

उसे सजा जरूर मिलेगी. मिलेगी न? एक मां जब ये सवाल पूछती है तो उसकी आंखों के सामने महज एक महीने पुरानी वो खौफनाक तस्वीरें घूम जाती हैं.

छुटकी. यही नाम दिया है क्विंट ने 8 महीने की उस बच्ची को जिसके साथ 28 जनवरी की सुबह दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया गया. छुटकी के मां-बाप उस सुबह काम के लिए गए हुए थे. दो घंटे बाद छुटकी की मां वापस आती है. बाहर गली में घूम रहा 28 साल का सूरज कहता है- 'चाची आप कहां गई थीं, आपकी बच्ची रो रही थी.'

उदास सी रहती है वो

ये सुनकर मां फौरन भागकर बच्ची के पास जाती है तो देखती है कि वो खून से लथपथ पड़ी है. डॉक्टर ने रेप की पुष्टि की जिसके बाद दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई. आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाता है. एएसआई पार्वती के मुताबिक इसी हफ्ते इस मामले को लेकर चार्जशीट दाखिल की जाएगी.

तीन हफ्ते और तीन सर्जरी के बाद, छुटकी अपनी मां की गोद में उदास लेटी है. मां को याद आता है कि वो पहले ऐसी नहीं थी.

उदास सी रहती है वो, मैडम. हम उसके साथ खेलते हैं, डॉक्टर के कहे मुताबिक खान-पान का ख्याल रखते हैं लेकिन वो पहले के मुकाबले बेहद शांत हो गई है. अपनी पहली सर्जरी के बाद से ही वो अपनी मां के अलावा किसी के पास नहीं जाती. यहां तक कि मेरे पास भी नहीं जब घटना के कुछ दिन बाद मैंने उसे गोद में लेने की कोशिश की.
छुटकी के पिता
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छुटकी के मां-बाप एक कमरे के घर में रहते हैं. वो एक कमरा जिसमें छुटकी के पिता के परिवार के बाकी सदस्य भी रहते हैं. दोनों अब इस घर को हमेशा के लिए छोड़ देने के बारे में सोच रहे हैं.

जब आपका अपने करीबियों से ही भरोसा उठ जाए. वो जिनके ऊपर आप अपनी बच्ची की जिम्मेदारी छोड़कर जाने की सोचते हैं. तो आप क्या करेंगे? काश कि हमारे पास इतने संसाधन होते कि हम तुरंत जा सकते. दूसरे घर, दूसरे शहर, एक नई जिंदगी की तरफ
छुटकी की मां

छुटकी को दिन में 20 से 25 बार पट्टी बदले जाने की जरूरत पड़ती है. बच्ची के योनि और गुदा मार्ग को चोट आई हैं. सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली महिला आयोग की तरफ से बच्ची के लिए कुछ मदद आई है. कोर्ट ने जहां एम्स में छुटकी के इलाज की व्यवस्था की है वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने छुटकी के परिवार को 50 हजार का चेक सौंपा है.

लेकिन छुटकी को अभी आपकी मदद की जरूरत है. उसके माता-पिता ने उसका ख्याल रखने के लिए फिलहाल काम पर जाना छोड़ दिया है. क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर, छुटकी के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. आप भी छुटकी के मेडकिल इलाज का खर्च उठाने और उसके आने वाले कल को संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी सी मदद भी बड़ी साबित होगी. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.

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