जैसे ही आप मोहिनी देवी के घर में घुसते हैं, आपको सामने सोनाक्षी सिन्हा नमस्ते बोलती नजर आ जाएंगी. ये तस्वीर आपको सामने की नीली दीवार पर नजर आएगी. मोहिनी देवी दक्षिणी दिल्ली के कुसुमपुर पहाड़ी इलाके में रहती हैं. रोज की तरह ही अपनी बहू के काम में हाथ बंटाते हुए 77 साल की मोहिनी अपना दिन शुरू करती हैं.
30 साल से यहां रह रही मोहिनी के लिए पिछले 2 महीने काफी परेशानी में गुजरे. आधार की वजह से उन्हें इतनी दिक्कत आई कि खाने के लिए राशन नहीं मिला. घंटों राशन की दुकान पर खड़ी रहीं, लेकिन फरवरी के महीने में वो बस खाली हाथ ही लौटी हैं.
आधार ने जिंदगी की गाड़ी पटरी से उतार दी
जब मोहिनी 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल लेने गईं तो उनको बोला गया कि बायोमेट्रिक का सत्यापन नहीं हो पा रहा और इस तरह के हालात दिल्ली में आम हैं.
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 24 फरवरी तक आधार के बायोमेट्रिक सत्यापन फेल होने के 47,760 केस आए हैं.
मोहिनी जैसी तमाम महिलाएं जब राशन की दुकान पर पहुंचती हैं, उनसे e-POS मशीन पर अपनी उंगली लगाने को कहा जाता है ताकि उनका सत्यापन किया जा सके और इसका आंकड़ा दिल्ली सरकार के फूड सप्लाई विभाग के पास दर्ज होता रहता है.
सत्यापन फेल होने के कारण मोहिनी को राशन नहीं मिलता लेकिन ऑनलाइन दिखाता है कि वो 20 जनवरी को अपना राशन ले चुकी हैं.
कुसुमपुर पहाड़ी इलाके में करीब 50,000 लोग रहते हैं और इस मशीन ने उनकी जिंदगी में काफी परेशानी खड़ी कर दी है. यही हाल वहां रह रहे और भी लोगों का है, जिनको आधार की खराबी की वजह से राशन नहीं मिल पा रहा है.
दिल्ली सरकार ने हालांकि आधार से राशन देने वाली नीति पर 20 फरवरी को रोक लगा दी है, लेकिन राशन देने वाले दुकानदार कहते हैं कि उन्हें कोई औपचारिक आदेश नहीं मिला है.
कैमरा पर्सन: अतहर राथर
एडिटर: राहुल सांपुई
प्रोडक्शन असिसटेंट: जुबैर लोन और गौहर हसन
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