वीडियो एडिटर: विशाल कुमार
आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में मोहल्ला क्लिनिक के नाम पर लोगों से वोट मांग रही है. ऐसे में क्विंट ने कुछ मोहल्ला क्लिनिक में जाकर ये पता लगाने की कोशिश की कि जमीनी हकीकत क्या है. क्या लोग वाकई में मोहल्ला क्लिनिक से इतने खुश हैं कि इसके दम पर AAP की सत्ता में वापसी हो जाएगी?
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर में दो महीने पहले ही मोहल्ला क्लिनिक शुरु किया गया था. वहां के लोग इसे केजरीवाल सरकार की अच्छी कोशिश बता रहे हैं.
मैंने अपनी परेशानी को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया था. लेकिन मुझे राहत नहीं मिली. फिर मैं यहां इलाज कराने आई. दो दिन की दवाई दी गई और मैं ठीक हो गई.सविता गौतम, गृहणी
बाबरपुर के मोहल्ला क्लिनिक में आचार संहिता की वजह से सीएम अरविंद केजरीवाल का चेहरा और पार्टी का नाम ढका हुआ था. लेकिन बाहर जूते-चप्पलों के ढेर से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता था कि ये लोगों के बीच कितना पॉपुलर है.
7 सालों से बाबरपुर की निवासी मैसर AAP की स्वास्थ्य योजनाओं से संतुष्ट हैं. लेकिन वो किसे वोट देंगी इसको लेकर अभी मन नहीं बनाया है. वो कहती हैं कि “यहां डॉक्टर अच्छे से देखते हैं. इनकी दवाईयों से राहत मिलती है”
2015 से अब तक सिर्फ 450 मोहल्ला क्लिनिक बनकर तैयार हुए हैं. जबकी AAP सरकार ने 1000 क्लिनिक बनाने का लक्ष्य रखा था.
मोहल्ला क्लिनिक में दवाइयों की कमी भी एक समस्या है. लोगों को उम्मीद है कि मोहल्ला क्लिनिक में इमरजेंसी सुविधाएं भी जल्द शुरु होंगी.
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