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जब प्रदूषण सताए, कौन सा एयर फिल्टर, मास्क लाएं

बाहर की हवा की तुलना में करीब पांच गुना तक ज्यादा प्रदूषित है घर के अंदर की हवा

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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास

कैमरापर्सन: सुमित बडोला

दिल्ली का प्रदूषण जानलेवा स्तर पर है, इसके साथ ही प्रदूषण के कारण होने वाली परेशानियां भी बढ़ गईं है. आपको बताया गया होगा कि जब तक बहुत जरूरी न हो तब तक घर से बाहर मत निकलें. लेकिन क्या आपको मालूम है कि आपके घर के अंदर की हवा भी प्रदूषित है? न सिर्फ प्रदूषित, बल्कि बाहर के हवा की तुलना में करीब पांच गुना तक ज्यादा प्रदूषित? अब इस परेशानी का सामना आप कैसे करेंगे?

एक विकल्प तो है कि शहर ही छोड़ दिया जाए लेकिन ये विकल्प हर किसी के लिए कितना मुमकिन है? ऐसे हालात में एक अच्छा एयर प्यूरिफायर ही इस समस्या का सही समाधान दिखता है. हर किसी को सही एयर प्यूरिफायर की जानकारी नहीं होती. लिहाजा मैंने आपके लिए एयर प्यूरिफायर के बारे में कुछ जानकारियां जुटाने की कोशिश की हैं.

ये हैं रिसर्च के नतीजे:

किस प्रकार का एयर प्यूरिफायर खरीदना चाहिए?

हमेशा HEPA फिल्टर वाले मॉडल ही खरीदने चाहिए. ये फिल्टर हवा में मौजूद लगभग 99 फीसदी प्रदूषित कणों को सोखते हैं. मसलन, पॉलेन, धूल, सूक्ष्म जीवाणु और यहां तक पालतू जानवरों के बालों से निकले डैन्डर. HEPA को बाजार में उपलब्ध सबसे असरदार एयर प्यूरिफायर माना जाता है.

चूंकि ये प्यूरिफायर आपके कमरे में लगाए जाने हैं, आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि कमरे में शांति बनी रहे. जहां तक आवाज का सवाल है, तो आपके फ्रिज से निकलने वाली आवाज 50 डेसिबल के करीब होती है. कोशिश करनी चाहिए कि कमरे की आवाज इसी के आस-पास हो. अगर आप ज्यादा खर्च कर सकते हैं तो वाई-फाई वाले प्यूरिफायर खरीदें. इन प्यूरिफायर को, आप जहां से चाहें, कंट्रोल कर सकते हैं. एयर प्यूरिफायर की कीमत 8000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक हो सकती है. इनकी कीमत बिजली बचाने की क्षमता, कॉम्पैक्ट डिजाइन, पार्ट्स और ओवरऑल क्वालिटी पर निर्भर करती है.

एक एयर प्यूरिफायर कितनी एरिया तक असर करता है?

एयर प्यूरिफायर अलग-अलग आकार के होते हैं. सही आकार चुनने के लिए आपको कमरे का सही आकार जानना होगा. एयर प्यूरिफायर मॉडल के एयर चेंज पर अवर रेट या ACH को ध्यान में रखना चाहिए. इसका मतलब है कि एक प्यूरिफायर किसी कमरे में एक घंटे में कितनी बार पूरी हवा साफ कर सकता है.

हालांकि ज्यादातर मॉडल में लिखा होता है कि वो प्यूरिफायर कितनी दूरी तक असरदार होगा. फिर भी एक अनुमान के मुताबिक छोटे प्यूरिफायर 28 वर्ग मीटर के कमरे में असरदार होते हैं. मध्यम आकार के एयर प्यूरिफायर 28 वर्ग मीटर से 65 वर्ग मीटर आकार वाले कमरे में बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं. जबकि बड़े आकार के प्यूरिफायर 65 से 176 वर्ग मीटर के आकार वाले कमरों के लिए मुफीद हैं. तो एयर प्यूरिफायर खरीदने से पहले उस कमरे का आकार जान लें, जहां एयर प्यूरिफायर लगाया जाना है.

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एयर प्यूरिफायर के फिल्टर को कितने समय बाद बदलना चाहिए और उनकी कीमत क्या होती है?

फिल्टर एयर प्यूरिफायर के निर्माता ही देते हैं. उनके सुझाव के मुताबिक एयर प्यूरिफायर सही समय पर बदलना चाहिए. उस समय तक एयर प्यूरिफायर सबसे ज्यादा असरदार होते हैं. साथ ही आप जिस इलाके में रहते हैं, वहां के प्रदूषण स्तर पर भी ये निर्भर करता है. इन दिनों बाजार में जितने भी एयर प्यूरिफायर हैं, उनमें इन्डिकेटर लगा होता है, जो बताता है कि आपको कब फिल्टर बदल देना चाहिए.

इसके अलावा फिल्टर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं. मसलन, HEPA फिल्टर एक साल तक चल सकता है. जबकि एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर और लम्बे समय तक काम कर सकता है. आपके लिए सलाह है कि सही समय पर फिल्टर बदलें. अगर आप फिल्टर नहीं बदलते हैं तो वो जाम हो जाएंगे और मशीन में हवा जानी कम हो जाएगी. उत्पाद की क्वालिटी और ब्रैंड के मुताबिक भी फिल्टर की कीमत तय होती है. जाहिर है एयर प्यूरिफायर जितना कीमती होगा, उसके फिल्टर की कीमत भी उतनी ही ज्यादा होगी.

हमें कब तक एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करना चाहिए?

ये सोच गलत है कि एक-दो घंटे तक एयर प्यूरिफायर चलाने से काम चल जाएगा. इंसानों का शरीर और घर भी कभी ठंडा होते हैं तो कभी गर्म. यहां तक कि पालतू जानवरों के कारण भी कमरे में नए प्रदूषित कण पैदा होते हैं. इस कारण जब तक आप घर में हैं, तब तक एयर प्यूरिफायर चलाते रहना चाहिए. निश्चित रूप से इससे बिजली का बिल ज्यादा आएगा, लेकिन आपको सुरक्षित रखने के लिए ये जरूरी है.

रात में सोते समय प्यूरिफायर के पंखे की रफ्तार धीमी कर दें, लेकिन कमरे की हवा साफ करने के लिए इसे रातभर चलाएं. अगर आपके पास वाई-फाई मॉडल है, तो आप साफ हवा के लिए अपने घर पहुंचने के कुछ घंटे पहले ही उसे ऑन कर सकते हैं.

प्रदूषण से बचने के लिए मास्क कितना असरदार है और हमें कैसे मास्क चुनने चाहिए?

आप पूरा समय तो घर पर बिताएंगे नहीं. लिहाजा ये सवाल भी जरूरी है. नुकसानदेह 2.5 PM सूक्ष्म कणों को 95 फीसदी तक छानने के लिए N95 मास्क पर्याप्त है.

शॉर्ट टर्म इस्तेमाल के लिए ये मास्क सही हैं. N99 मास्क 99 फीसदी कण छान सकता है, लेकिन इनकी कीमत कुछ ज्यादा होती है.

ये मास्क 150 रुपये से 300 रुपये में ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं. इनके पैक में डिस्पोजेबल मास्क होते हैं. आप लगभग 500 रुपये में रीयूजेबल मास्क भी खरीद सकते हैं. हालांकि ये भी सच है कि प्रदूषण से बचने के लिए मास्क शॉर्ट टर्म के लिए तो कारगर हैं, लेकिन लम्बे समय के लिए प्रदूषण से बचने का उपाय नहीं हैं.

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