ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली हिंसा के बीच मुस्तफाबाद से ‘मोहब्बत’ की कहानियां

दिल्ली हिंसा के बीच मुस्तफाबाद में रह रहे हिंदू-मुस्लिम लोगों ने दिया एकता का संदेश 

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

24 फरवरी को जाफराबाद में फैली हिंसा धीरे-धीरे पूरी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फैलती चली गई, कई लोगों के घर तबाह हुए, दुकानें जलाई गईं और लूटी गईं. 27 फरवरी को माहौल थोड़ा शांत हुआ लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है. इस बीच द क्विंट दिल्ली के मुस्तफाबाद पहुंचा और वहां लोगों से बात की. लोगों का कहना है कि मुस्तफाबाद में मुस्लिम लोगों ने हिन्दुओं को सुरक्षित रखने के लिए हर कोशिश की. उनका कहना है कि उनके इलाके में कोई हिंसा नहीं हुई और न उन्होंने होने दी.

0

मुस्तफाबाद में रहने वाले हिंदू परिवारों का कहना है कि उन्हें कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा और उनके मुस्लिम भाइयों ने उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी.

मुस्तफाबाद में रहने वाले इंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें मुस्तफाबाद में रहते हुए 35 साल हो चुके हैं, वो आगे कहते हैं कि 'दिल्ली में दंगे हुए हैं लेकिन यहां एकता है, कई लोग हैं हमारे मुस्लिम भाई वो हमें कहते हैं कि 'आपको कोई भी दिक्कत हो तो हमें बताएं' यहां एकता है.

दिल्ली में CAA को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में हुई झड़प ने हिंसक मोड़ ले लिया जो धीरे-धीरे सांप्रदायिक हिंसा में बदल गई. इस तनाव के बीच मुस्तफाबाद से राहत और एकता का सन्देश सामने आ रहा है. 

मुस्तफाबाद में रहने वालीं बेबी का कहना है कि

इतने सालों में यहां कुछ नहीं हुआ, जो कुछ हुआ है अभी हुआ है, हालत खराब हुए. कोई परेशानी नहीं हुई, न झगड़ा हुआ ये सब अभी हुआ है, इन सबसे दिल घबराता है लेकिन हमारे आस-पड़ोस के लोगों से हमें परेशानी नहीं है, ये सब जो बाहर चल रहा है उससे घबराहट होती है.

मुस्तफाबाद के रहने वाले स्थानीय ने द क्विंट को बतया कि-

सारी अफवाह सोशल मीडिया पर हैं और वहीं से फैली हैं, असलियत में हमारे इलाके में ऐसा कुछ नहीं है, हमारे इलाके में कोई डरने वाली बात ही नहीं है हम सब साथ में रहते हैं.

मुस्तफाबाद के रहने वाले राजा कुरैशी का कहना है कि 'हम हमारे हिंदू भाइयों को अपनी जान पर सुरक्षा देंगे लेकिन उन्हें कुछ नहीं होने देंगे. ये हमारा परिवार हैं, हमारे भाई हैं, रात दिन ये हमारी देखभाल करते हैं और हम इनकी.'

स्थानियों का कहना है कि उनके इलाके के 500 मीटर दूर दंगा हुआ था, अचानक पथराव हुआ, उन्होंने आगे बताया कि उन्हें नहीं पता पथराव करने वाले कौन थे लेकिन वो मुस्तफाबाद के नहीं थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×