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अमृतसर हादसा: टुकड़ों में मिल रही हैं अपनों की लाशें, हर तरफ मातम

अमृतसर सिविल अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं ताकि अपनों के शव लेकर उनका दाह संस्कार कर सकें.

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‘मैडम जी.. हर तरफ मातम पसरा है. जब तक बॉडी नहीं मिलेगी हम घर कैसे जाएंगे?’
हरिंदर यादव

हरिंदर यादव की तरह ही बिहार से आए कई मजदूर परिवार अमृतसर सिविल अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं ताकि अपनों के शव लेकर उनका दाह संस्कार कर सकें.

अमृतसर में 19 अक्टूबर को दशहरे के मौके पर रावण दहन देखने आए सैकड़ों लोगों के लिए ये कभी न भुलाई जा सकने वाली त्रासदी के दिन में बदल गया. जोड़ा फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर खड़े 60 से ज्यादा लोग ट्रेन से कट गए, वहीं कई घायल हो गए.

इस हादसे के बाद घटनास्थल से लेकर हाॅस्पिटल तक सिर्फ मातम का मंजर पसरा रहा. क्विंट की रिपोर्टर ऐश्वर्या अय्यर को स्थानीय लोगों ने बताया कि दशहरा का आयोजन अवैध जगह पर हो रहा था. लोगों का गुस्सा रेलवे के खिलाफ बढ़ रहा है.

एक स्थानीय रेसिडेंट के मुताबिक ट्रैक से 2 ट्रेन निकलीं थी. पहली ट्रेन की स्पीड काफी धीमी थी. जिससे लोग आराम से पटरी से अलग हो गए. लेकिन जो DMU ट्रेन आई, उसकी स्पीड काफी तेज थी.

देखिए क्विंट की ग्राउंड जीरो से पूरी रिपोर्ट.

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